Delhi Budget: बजट में केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार की बड़ी घोषणा की है. दिल्ली सरकार ने हर महीने व्यस्क महिलाओं को ₹1000 देने के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना में 2000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान किया है. इस योजना का लाभ पाने के लिए महिला लाभार्थी को दिल्ली का वोटर होना अनिवार्य है. अगर कोई महिला इनकम टैक्स देती होंगी या किसी पेंशन योजना की लाभार्थी होंगी या सरकारी कर्मचारी होंगी तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी.
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी (Atishi) ने दिल्ली का 2024-25 का अपना पहला बजट (Delhi Budget) पेश करते हुए ये भी कहा कि 2013 में जब हम राजनीति में आए थे तब लोगों का राजनीति से भरोसा उठा हुआ था. लोग वोट तो डालते थे, लेकिन लगता था वोट से क्या होगा. घर कैसे चलेगा, इलाज कैसे होगा, बच्चे पढ़ाने में संघर्ष करना पड़ता था. इन सब के चलते लोगों का सरकार से नहीं वोट से भी भरोसा उठ गया था. ऐसे में दिल्ली के लोगों के लिए अरविंद केजरीवाल उम्मीद की किरण बनकर आए. दिल्ली के लोगों ने उनकी सच्चाई और ईमानदारी पर भरोसा किया और भारी बहुमत से अपना मुख्यमंत्री बनाया. हमने दिल्ली में रामराज्य के सपने को साकार करने का संकल्प लिया.
राम राज्य के सपने को साकार करने के लिए पिछले 9 साल से दिन रात लगे हुए हैं. रामराज के लिए हमको लंबी दूरी तय करनी है. पिछले 10 साल में दिल्ली के आम लोगों की जिंदगी में आमूल चूल परिवर्तन आया है. पिछले 10 साल का सफर लोगों के लिए बदलाव का सफर रहा है. जब हम दिल्ली के लोगों के बीच में जाते हैं तो हमको अपना रिपोर्ट कार्ड रोजाना मिलता है. आज मैं सदन के सामने पिछले 10 साल में राम राज्य के प्रति दिल्ली के बढ़ते कदमों का रिपोर्ट कार्ड पेश करूंगी.
2014-15 के 30 हज़ार करोड़ से बढ़कर आज 76,000 करोड़ का बजट
हम अयोध्या की तरह दिल्ली में भी समृद्धि लाने की कोशिश कर रहे हैं. 2014-15 की तुलना में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय अब राष्ट्रीय औसत से लगभग 2.5 ज़्यादा है. एक ईमानदार सरकार होने के नाते दिल्ली सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई. 2014-15 के 30 हज़ार करोड़ से बढ़कर आज 76,000 करोड़ का बजट पेश करूंगी.
गरीबी दूर करने का एक ही तरीका हर बच्चे को अच्छी शिक्षा
कहा जाता है राम राज्य में कोई गरीब नहीं था, हर परिवार समृद्ध था. अरविंद केजरीवाल मानते हैं गरीबी दूर करने का एक ही तरीका है, हर बच्चे को अच्छी शिक्षा. जब दिल्ली वालों ने अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना तो उन्होंने शिक्षा को अपना राजधर्म बनाया और शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लेकर आए. दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब थी, इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था टीचर नहीं थे साफ-सफाई नहीं थी. अरविंद केजरीवाल जी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का काया पलट कर दिया. आज एक आम घर का लड़का दिल्ली सरकार के स्कूलों से पढ़कर किसी भी ऊंचाई को छू सकता है.2023-24 में 2121 दिल्ली सरकार के स्कूलों बच्चों ने NEET क्लीयर किया. 2014-15 में सरकार आते ही शिक्षा का बजट 6554 करोड़ से बढ़ाकर आज 16,396 करोड़ हो गया. 9 साल में हमने 22,711 नए क्लासरूम बनाए. रंग बिरंगे क्लासरूम हैं. अत्यधिक लैबोरेट्री हैं. हर स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम है. सीढ़ियां टूटी हुई थीं तो आज लिफ्ट लगाई हुई है. टिन टप्पर वाले स्कूल आज टैलेंट वाले स्कूल बन गए हैं. पिछले 9 सालों में 400 से ज्यादा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को कैंब्रिज और 950 से ज्यादा टीचर्स को सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए भेजा. 1700 प्रिंसिपल को आईआईएम अहमदाबाद में ट्रेनिंग के लिए भेजा. दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने में किसी एक व्यक्ति की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही तो वह है मेरे बड़े भाई मनीष सिसोदिया.
दिल्ली के हर व्यक्ति को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधा
राम राज्य में किसी की अल्प आयु में मृत्यु नहीं होती. सब लोग स्वस्थ रहते हैं. दुर्भाग्य है कि देश मे हम लोग इस परिकल्पना से अभी बहुत दूर हैं. सरकारी अस्पतालों का हाल यह हुआ करता कि आप वहां पर जाएंगे और ठीक होने की बजाय उल्टा बीमारी लेकर आ जाएंगे. सरकारी हेल्थ केयर सिस्टम दिल्ली में खुद ही बीमार था. लोगों को प्राइवेट में इलाज करने में घर मकान और जेवर गिरवी रखने की नौबत आ जाती थी. केजरीवाल सरकार ने प्रण लिया कि दिल्ली के हर व्यक्ति को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधा देंगे. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 9523 बेड से बढ़कर 13 हज़ार से ज़्यादा बेड हो गए हैं. दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य का बजट 8685 करोड़ रखा. 6215 करोड़ दिल्ली सरकार के अस्पतालों के रखरखाव और सुविधाओं के लिए 212 करोड़ रुपये मोहल्ला क्लीनिक के लिए. आतिशी ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का धन्यवाद किया.
हमारी कोशिश सबको फ्री और बेहतर इलाज
प्रभु राम के राज्य में सभी के सुखी और स्वस्थ रहने की बात कही गई है. केजरीवाल सरकार में आने के बाद से हमने कोशिश की कि सभी को फ्री और बेहतर इलाज दे सकें. आज हमारे 38 अस्पतालों में 81 हज़ार OPD मरीज़ों का हर दिन फ्री इलाज होता है. आज 13,800 बेड हैं, डेढ़ गुना ज़्यादा मरीज़ों की देखभाल कर पाते हैं. हमने व्यवस्था की है कि सरकारी अस्पताल में अगर एक महीने से ज़्यादा की डेट मिलती है तो प्राइवेट अस्पताल में फ्री ऑपरेशन करा सकते हैं. हमने सबके लिए फ्री टेस्ट की व्यवस्था की है. हमारी एंबुलेंस का एवरेज रेस्पोंस टाइम 55 मिनट से घटकर 15 मिनट हो गया है. हमने फ़रिश्ते स्कीम की शुरुआत की. सड़क दुर्घटना में घायल हुए ऐसे 22 हज़ार लोगों की अब तक हम जान बचा चुके हैं. मोहल्ला क्लीनिक में अब तक सात करोड़ से भी ज़्यादा OPD हो चुके हैं. जैसे भगवान हनुमान संजीवनी का पहाड़ लेकर आए थे उसी तरह सत्येंद्र जैन ने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को पुनर्जीवित किया. स्वास्थ्य के लिए बजट में 8685 करोड़ का प्रावधान कर रहे हैं.
24 घंटे बिजली और 22 लाख लोगों को फ्री बिजली
वनवास के बाद जब प्रभु श्रीराम अयोध्या आए तो पूरी अयोध्या को रोशन किया गया था. आज दिल्लीवालों को अपना घर रोशन करने के लिए दीवाली का इंतजार नहीं करना पड़ता. हर दिन फ्री और 24 घंटे बिजली मिलती है. पहले दिल्ली में आठ-आठ घंटे के पावर कट लगते थे, आज 24 घंटे बिजली आती है और 22 लाख लोगों को फ्री बिजली मिलती है. जब पावर कट होते थे तब पिक डिमांड पांच हज़ार MW थी. आज हम 7838 MW की पिक डिमांड भी पूरा कर रहे हैं. आज देश के तीन टॉप डिस्कॉम दिल्ली के हैं और तीनों फ़ायदे में हैं.
दिल्ली में सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे...
दिल्ली में सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. आज दिल्ली के 62.5 फ़ीसदी घरों में फ्री पानी मिलता है. 840 से बढ़कर 1009 MGD पानी की सप्लाई कर रहे हैं. रामायण में सौंदर्यीकरण का ज़िक्र है. हम दिल्ली को लगातार सजा रहे हैं. हमने तीस नए फ़्लाइओवर, अंडर पास आदि का निर्माण किया है. 2017-18 में दिल्ली दुनिया का चौथा सबसे कंजस्टेड शहर था. लेकिन आबादी और गाड़ियां बढ़ने के बावजूद दिल्ली अब 44वे नंबर पर पहुंच गया है.1650 इलेक्ट्रिक बसों के साथ दिल्ली दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक गाड़ियों वाला शहर है. 2025 तक दिल्ली में दस हज़ार बसों की फ्लीट होंगी. अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास के लिए 902 करोड़ का प्रावधान कर रहे हैं.
केंद्र पर लगाया ये आरोप
कैकयी से पिता दशरथ के वादे को निभाने के लिए भगवान राम को वनवास जाना पड़ा था. उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने भी अपने वचन को निभाने के लिए बहुत मुश्किलें सही हैं.केंद्र से दिल्ली को हमारा उचित हिस्सा कभी नहीं मिला. अन्य राज्यों को 41 फ़ीसदी हिस्सा मिलता है लेकिन दिल्ली को लगातार 325 करोड़ ही मिलता रहा. 2023-24 में वो भी नहीं मिला. अगर दिल्ली को टैक्स में हमारा हक मिले तो दिल्ली को 7200 करोड़ रुपये केंद्र से मिलेंगे.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 5702 करोड़ का प्रावधान
दिल्ली जल बोर्ड के लिए 7195 करोड़, नई EV बसों के लिए 510 करोड़, महिलाओं की फ्री यात्रा के लिए 340 करोड़, मेट्रो के लिए 500 करोड़, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए 5702 करोड़ का प्रावधान कर रहे हैं.