दिल्ली ब्लास्ट केस: ED करेगी अलफलाह यूनिवर्सिटी की फंडिंग की जांच: सूत्र

Delhi Blast case: सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए हैं. जबकि कई लोग घायल हैं. इस हमले में गिरफ्तार लोगों में अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तीन डॉक्टरों भी शामिल हैं.

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Delhi Blast case: यह यूनिवर्सिटी दिल्ली विस्फोट मामले के बाद जांच के घेरे में आई है.
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  • सरकार ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खातों का फॉरेंसिक ऑडिट कराने तथा ईडी जांच के आदेश दिए हैं.
  • इसके अलावा आर्थिक अपराध शाखा को यूनिवर्सिटी के कामकाज की समीक्षा का आदेश दिया गया है.
  • दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में इस यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन चिकित्सक गिरफ्तार हुए हैं.
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नई दिल्ली:

Delhi Blast case: सरकार ने अल फलाह यूनिवर्सिटी की फंडिंग की ईडी जांच के आदेश दिए हैं और यूनिवर्सिटी के खातों का फॉरेंसिक ऑडिट कराने को कहा है. यह यूनिवर्सिटी दिल्ली विस्फोट मामले के बाद से जांच के घेरे में आई है. इस हमले से जुड़े डॉक्टर इसी यूनिवर्सिटी में पढाते थे. एनडीटीवी को शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा को अल फलाह यूनिवर्सिटी के कामकाज पर भी गौर करने को कहा गया है. बता दें कि दिल्ली धमाके की जांच एनआईए पहले से ही कर रही है. अब ईडी और ईओडब्ल्यू भी जांच में शामिल हो गए हैं.

"आतंकी नेटवर्क को खंगाला जा रहा है"

धमाके के अलग दिन यानी मंगलवार को अल फलाह यूनिवर्सिटी के पूरे कैंपस में सर्च अभियान चलाया गया था. संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई थी. हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी में आतंकी नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों को हम लगातार सहयोग कर रहे हैं और जो भी जानकारी दिल्ली पुलिस की ओर से दी जाती है, उसके बाद छापेमारी में हरियाणा पुलिस साथ दे रही है.

यूनिवर्सिटी से जुड़े एक ओर डॉक्टर की गिरफ्तारी

हापुड़ के जीएस मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर फारूक को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया.  जम्मू के रहने वाले है डॉक्टर फारूक ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस, एमडी की थी. पुलिस को इसके भी आतंकी संगठन से जुड़े होने का आशंका है.

NAAC से मिला नोटिस 

इसके अलावा राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) ने अल-फलाह विश्वविद्यालय को अपनी वेबसाइट पर गलत मान्यता प्रदर्शित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.  कारण बताओ नोटिस में एनएएसी ने कहा कि उसने पाया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, ‘‘जो न तो मान्यता प्राप्त है और न ही उसने एनएएसी द्वारा मान्यता के लिए आवेदन किया है'', ने अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया है कि ‘‘अल-फलाह विश्वविद्यालय अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का एक प्रयास है, जो परिसर में तीन कॉलेज चला रहा है - अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (1997 से एनएएसी द्वारा ग्रेड ए), ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (2008 से) और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (2006 से एनएएसी द्वारा ग्रेड ए)।''

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह पूरी तरह से गलत है और जनता विशेषकर अभिभावकों, छात्रों और हितधारकों को गुमराह कर रहा है.'' एनएएसी ने विश्वविद्यालय से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे निर्देश दिया है कि वह अपनी वेबसाइट तथा अन्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध या वितरित दस्तावेजों से एनएएसी मान्यता संबंधी विवरण हटा दे.

सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में हुए एक उच्च-तीव्रता वाले विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना एक ‘‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'' के भंडाफोड़ के कुछ ही घंटों बाद हुई. गिरफ्तार लोगों में अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सक भी शामिल हैं.

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