केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली के लिए नया अध्यादेश पारित किया है, जिसमें दिल्ली में अब ट्रांसफर-पोस्टिंग (Transfer Posting) और विजलेंस के काम के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी गठित कर दी गई है. अब दिल्ली सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए फैसला प्राधिकरण द्वारा लिया जाएगा. ट्रांसफर पोस्टिंग और विजलेंस के काम के अधिकार को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाया था. इस फैसले के तहत दिल्ली की चुनी हुई सरकार को ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार सौंपे गए थे. इस फैसले के बाद आम आदमी सरकार ने तत्काल ट्रांसफर करना शुरू कर दिए थे, लेकिन एलजी ने ट्रांसफर की फाइल पर लंबे समय तक साइन नहीं किए थे.
इस मामले में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि कल जो आर्डिनेंस आया है बीजेपी उसका स्वागत करती है. 11 मई को सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आता है, LG और चीफ मिनिस्टर की बैठक होती है कि आर्डर पढ़ने के बाद कदम उठाया जाएगा. 12 तारीख को दिल्ली सरकार को अघिकार न मिलने का कारण लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाते हैं. उसी दिन आशीष मोरे को हटाने की निर्णय ले लेते हैं. 13 तारीख को सैरभ भारद्वाज ने विजीलेंस के सेक्रेटरी राजशेखर को हटाने का आर्डर जारी कर देते हैं.
सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो ब्लैकमेलिंग का रैकेट चलाते हैं,
लेकिन उनके मंत्री आसिफ के जब ओएसडी थे तब वो ठीक थे. हमें अधिकारियों से लेना-देना नहीं है, लेकिन जो उनके खिलाफ जांच करते हैं उनके ट्रांसफर कर रहे हैं. 15 और 16 तारीख की रात दो से तीन बजे फाइल छीनी जाती है.
सचदेवा ने कहा 17 तारीख को एलजी के पास आशीष मोरे तबादले की फाइल पास हो गई लेकिन 18 मई को बिना LG से बात किए केजरीवाल ऐलान करते हैं कि वो चीफ सेक्रेटरी को बदलेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आड़ में केजरीवाल गुंडागर्दी करते हैं.
19 मई को फिर पांच मंत्री LG के बाहर धरने पर बैठ गए, लेकिन सौदेबाजी करने के लिए केजरीवाल अकेले आए. 10 से 12 दिन पहले बड़े मीडिया हाउस के बिल्डिंग को तोड़ने की 11 फाइल तैयार किया जाता है. उनको धमकी दी जाती है कि जो हम कहेंगे वो आप दिखाएंगे.
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