दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi IGI Airport) पर भारी भीड़ की तस्वीरों को देखने के बाद विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने हवाई अड्डे के संचालक डायल को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को लेकर जांच और स्क्रीनिंग के नए नियम लागू होने के बाद एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ी है. इन तस्वीरों में मास्क पहने हवाई यात्रियों को कोविड टेस्ट और नतीजों के लिए घंटों इंतजार करते हुए देखा गया है. इसमें 6 से 8 घंटे तक का वक्त लग रहा है.
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नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर ‘डायल' को नए यात्रा दिशानिर्देशों को लागू होने के बाद टर्मिनल पर अव्यवस्था को सुधारने को कहा है. उन्होंने भीड़ बढ़ने की शिकायत के बाद बेहतर रणनीति को लागू करने का सोमवार को निर्देश दिया. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप को लेकर चिंताओं के बीच केंद्र ने दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एक संशोधित गाइडलाइन जारी की थी जो एक दिसंबर से लागू हुई.
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केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, आव्रजन ब्यूरो और जीएमआर समूह के नेतृत्व वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की. दिल्ली हवाई अड्डे पर RTPCR जांच करने वाली एकमात्र प्रयोगशाला जेनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक्स के अफसर भी बैठक में थे. मंत्री ने डायल को भीड़ न बढ़ने देने के लिए बेहतर रणनीति लागू करने का निर्देश दिया.
नए यात्रा नियमों के लागू होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट की स्थिति के बारे में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था, ‘मैंने आशंका जताई थी और आगाह किया था...एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ है और भ्रम की स्थिति है.'दिल्ली एयरपोर्ट पर लंबी कतारों की तस्वीरें एक ट्विटर यूजर ने भी शेयर की थीं. उन्होंने लिखा था, ‘टैक्स चुकाए गए, हवाई अड्डे की फीस का भुगतान किया गया. काफी भीड़ है, लेकिन उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. एक घंटे की उड़ान के लिए करीह 3 घंटे कतार में रहने की जरूरत है.'
डायल ने कहा कि ‘जोखिम वाले' देशों से आ रहे यात्रियों के लिए 20 विशेष काउंटर बनाए गए हैं. अनिवार्य कोविड-19 जांच के बारे में प्री बुकिंग की व्यवस्था की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 30 नवंबर को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक ‘जोखिम वाले' देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच से गुजरना होगा.
दूसरे देशों से आने वाले 2 फीसदी यात्रियों का भी त्वरित आधार पर जांच करानी होगी. दिशानिर्देशों के अनुसार, यात्रियों को एयरपोर्ट से निकलने या आगे की उड़ान लेने से पहले नतीजों का इंतजार करना होगा.