दिल्ली की आबोहवा अब तक सुधरने का नाम नहीं ले रही है. प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का स्तर कम होता फिलहाल नहीं दिख रहा है. आज भी राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में बना हुआ है. हर तरफ धुंध की परत देखी जा सकती है. हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह मानी जा रही है. वहीं दीवाली पर चले पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ गया है.
दिल्ली की हवा आज भी 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है. हालांकि बुधवार के मुकाबले आज प्रदूषण में कमी देखी जा रही है. बुधवार को राजधानी की हवा गंभीर श्रेणी में बनी हुई थी, लेकिन आज गंभीर से कुछ कम लेकिन बहुत खराब दर्ज की गई है.
बुधवार को दिल्ली की हवा रही 'गंभीर'
राष्ट्रीय राजधानी में हर रोज शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 401 रहा.मंगलवार को यह 397 था. एक्यूआई सोमवार को 358 और रविवार को 218, शनिवार को 220, शुक्रवार को 279 और बृहस्पतिवार को 437 था. पड़ोसी गाजियाबाद (एक्यूआई 378), गुरुग्राम (297), ग्रेटर नोएडा (338), नोएडा (360) और फरीदाबाद (390) में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई.
प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए उठाए जा रहे कदम
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब', 401 से 450 के बीच ‘गंभीर' और 450 से ऊपर ‘अत्यधिक गंभीर' माना जाता है. दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्य और शहर में डीजल चालित ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित कई कड़े कदम उठाने के बावजूद पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है.
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