दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पहली बार दो किडनी ट्रांसप्लांट एक साथ हुआ है. एम्स के सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ असुरी कृष्णा ने बताया कि यह काफी जटिल ऑपरेशन था. जिसमें कई डॉक्टरों की टीम ने मिलकर काम किया. अच्छी बात है कि सर्जरी सफल रही. 78 वर्षीय डोनर की वजह से ये सफलता एम्स के हाथ लग सकी है.
घर की सीढ़ी से गिरने की वजह से 78 साल की डोनर को काफी गंभीर चोट सिर पर आई थी. इसके चलते उन्हें ब्रेन डेड करार कर दिया गया था. उनके परिवार ने अंगदान की सहमति दी थी. उम्र ज़्यादा होने की वजह से डायलिसिस पर चल रहे मरीज़ के लिए एक किडनी नाकाफी होता थी. लिहाज़ा एक ही मरीज़ में दोनों किडनी प्रत्यारोपित करने का फैसला लिया गया.
डॉक्टर आसुरी कृष्णा ने बताया कि चुनौती बड़ी थी, पर सफलता मिल गई. डोनर की दोनों किडनी एक 51 साल की महिला में प्रत्यारोपित किया गया. सर्जरी 22 दिसंबर 2023 को सर्जरी यूनिट 4 (डॉ. असुरी कृष्णा, डॉ. सुशांत सोरेन और प्रोफेसर वी सीनू) की ट्रांसप्लांट टीम द्वारा की गई थी. दोनों किडनी को रिसिपिएंट के दाहिनी ओर एक के ऊपर एक रखा गया और सर्जरी के बाद महिला को डायलिसिस की ज़रूरत नहीं पड़ रही.
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