आखिरी सांस तक बेटे की उंगली पकड़े रही मां...खोड़ा के नाले में बहे दोनों, जब लाशें मिलीं तो रो पड़ा हर दिल

दिल्ली के गाजीपुर की खोड़ा कॉलोनी में बारिश के दौरान जलमग्न हुई सड़क, निर्माणाधीन नाले में डूबने से 23 साल की मां और उसके तीन साल के बेटे की मौत

Advertisement
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली में बुधवार की शाम को 23 साल की तनुजा बिष्ट अपने तीन साल के बेटे प्रियांश को साथ लेकर जब साप्ताहिक बाजार में सब्जी खरीदने के लिए घर से निकली थी तब उसे नहीं पता था कि वह और उसका नन्हा बेटा कभी वापस नहीं आएंगे. शहर में शाम को बेतहाशा बारिश हुई. इससे दिल्ली के यूपी की बॉर्डर से सटे गाजीपुर इलाके की खोड़ा कॉलोनी में भी जगह-जगह पानी भर गया. जलजमाव इस कदर था कि यह समझना मुश्किल था कि सड़क कहां है और नाला, नाली या गटर कहां है.    

शाम को करीब साढ़े सात बजे सब्जी खरीदकर लौटती तनुजा अपने हाथ में बेटे प्रियांश की उंगली पकड़े थी और पानी में रास्ता तलाशते हुए घर की ओर बढ़ रही थी. अचानक तनुजा के हाथ से बेटे की उंगली छूटी और वह एक ऐसे नाले में जा गिरा जो ऊपर से दिखाई नहीं दे रहा था. पानी में सड़क और नाला एक जैसे दिखाई दे रहे थे. जैसे ही प्रियांश नाले में गिरा तनुजा बिना देर किए खुद भी नाले में कूद गई. नाले में पानी का इतना तेज बहाव था कि वे उसमें जल्द ही लापता हो गए.  

घटना के बाद आसपास के लोगों ने मां-बेटे को बचाने के प्रयास किए लेकिन वे सफल नहीं हो सके. इसके बाद दमकल विभाग की डिजास्टर यूनिट को घटना की सूचना दी गई. घंटों बाद रात में 11 बजे दोनों के शव लगभग 500 मीटर दूर बरामद किए गए. प्रत्यक्षदर्शी यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि मां मौत के बाद भी अपने बेटे का हाथ पकड़े हुए थी. ऐसा लगता है कि मां ने नाले में तेजी से कूदकर बेटे का हाथ थाम लिया था, लेकिन वह तेज बहाव में न तो बेटे को बाहर निकाल सकी, न ही खुद बाहर निकल सकी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि की.  

Advertisement

बताया जाता है कि मां और उसके मासूम बेटे की खोड़ा कॉलोनी में एक निर्माणाधीन नाले में डूबने से मौत हुई. यह नाला सड़क के किनारे है और जलभराव होने पर दिखाई नहीं देता है. 

Advertisement

तेजी से बचाव अभियान चलता तो बच जाती जिंदगियां

तनुजा के परिजनों ने कहा कि अगर बचाव अभियान तेज होता तो मां और बेटे को बचाया जा सकता था. उनके पति गोविंद सिंह नोएडा में एक निजी फर्म में काम करते हैं. वे इस घटना के दौरान अपनी ड्यूटी पर गए थे. उन्होंने कहा, "अगर बचाव अभियान तेज होता तो मेरी पत्नी और बेटे को बचाया जा सकता था. हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती." 

Advertisement

तनुजा के चाचा हरीश रावत ने कहा कि नाला ओवरफ्लो हो रहा था और वह उन्हें इसका पता नहीं चल सका. उन्होंने बताया कि "हमें शाम 7.30 बजे के आसपास सूचना मिली. हमने 100 नंबर डायल किया तो पुलिस बचाव दल के साथ आई, लेकिन उनके पास उचित उपकरण नहीं थे. वे कोशिश करते रहे, लेकिन शव दो घंटे से अधिक समय बाद बरामद किए गए."

Advertisement

उन्होंने कहा कि वे तनुजा और प्रियांश को एक निजी टैक्सी में अस्पताल ले गए, इस उम्मीद में कि वे बच जाएंगे. उन्होंने कहा, "हम उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले गए. कोई एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई." रावत ने कहा कि तनुजा ने मरने के बाद भी अपने बेटे का हाथ नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा, "जब शव मिला, तब भी वह उसे पकड़े हुए थी."

तीन महीने से खुला पड़ा है नाला

इलाके के निवासियों ने नगर निगम अधिकारियों की निंदा करते हुए कहा कि यह नाला पिछले तीन महीनों से खुला है और हर बारिश में ओवरफ्लो हो जाता है. एक निवासी ने कहा, "हमने कई बार शिकायत की है, लेकिन प्रशासन काम नहीं करना चाहता. मैं यहां 20 साल से रह रहा हूं और मैंने हर मानसून में सड़कों पर पानी भरा हुआ देखा है. हमने सांसदों, विधायकों, अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया." उन्होंने कहा कि, ''अगर कोई नाला निर्माणाधीन है, तो उसे ढंकना प्रशासन का कर्तव्य है. नाला खुला था और ओवरफ्लो हो रहा था, महिला इसे देख नहीं पाई और गिर गई. अगर नाला बंद होता तो वह जीवित होती." 

दिल्ली नगर निगम ने कहा है कि निर्माणाधीन नाला दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र मे है. 

पुलिस ने मां-बेटे के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया है. पुलिस इस मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है. ईस्ट दिल्ली की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि, "कल रात 8:30 बजे हमें खोड़ा कॉलोनी में एक मां और बेटे के नाले में गिरने की पीसीआर कॉल मिली... हमने शव बरामद कर लिए हैं, जांच में पता चला है कि मृतक 23 साल की महिला थी. वह अपने तीन साल के बेटे के साथ सब्जी खरीदने बाजार गई थी और लौटते समय दोनों जलभराव के कारण गिर गए और उनकी मौत हो गई."

बारिश से जुड़ी घटनाओं में 11 मौतें

कल हुई भारी बारिश के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कुल 11 मौतें हुई हैं. हर बारिश में दिल्ली में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है, जिसका कारण है नालों का जाम होना और अवैध निर्माण. एक सप्ताह पहले, राजिंदर नगर में बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत हो गई थी. राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी और पानी भर जाने के बाद अंदर बैठे छात्र फंस गए थे.

दिल्ली में आज भी बारिश होने के आसार

दिल्ली और एनसीआर में बुधवार की शाम को भारी बारिश हुई जिससे जगह-जगह जलजमाव होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. बारिश के दौरान 27 इमारतें ढह गईं. दिल्ली के आईटीओ, राजघाट, मदर डेयरी, गणेश नगर और पटपड़गंज रोड समेत कई इलाकों की सड़कें गुरुवार की सुबह भी जलमग्न रहीं. मौसम विभाग ने राजधानी में गुरुवार को भी बारिश होने की आशंका जताई है.

यह भी पढ़ें-

घंटों जाम,ऑटो का मनमाना किराया... घंटों बारिश में फंसे ऑफिस के लोगों की आपबीती पढ़ें

Featured Video Of The Day
IIT's में आए दिन क्यों बढ़ रहे हैं Students की खुदखुशी के मामले, देखिए ये रिपोर्ट
Topics mentioned in this article