दिल्ली में शनिवार दोपहर को क्रिकेट खेलते वक्त करंट लगने से एक 13 साल के लड़के की मौत हो गई. पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि वह वेस्ट दिल्ली के कोटला विहार फेज 2 के ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहा था और वो बॉल लेने के लिए गया था और तभी करंट लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि उसे मैदान के एक कोने में स्थित गौशाला तक बिजली का तार ले जाने वाले लोहे के खंभे से बिजली का झटका लगा.
लड़के को तुरंत ही दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में पुलिस ने धारा 106 (1) (किसी भी व्यक्ति की लापरवाही से हुई मौत, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आती हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले पिछले महीने 12 साल के बच्चे की भी करंट लगने से मौत हुई थी जब वह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बिंदापुर इलाके में बिजली के तार के संपर्क में आ गया था. वह ट्यूशन के बाद घर लौट रहा था. यह हादसा 31 जुलाई को हुआ था.
वहीं एक अन्य घटना में, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मीठापुर इलाके में एक 28 वर्षीय व्यक्ति की अपने घर में बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी.
करंट लगने के मामलों में मानवाधिकार संस्था ने दिल्ली को जारी किया नोटिस
भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली में डूबने और बिजली का करंट लगने की कथित घटनाओं के संबंध में दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. 3 अगस्त को जारी एक बयान में कहा गया कि हाल के दिनों में हुई ये घटनाएं "नागरिक अधिकारियों की लापरवाही का संकेत हैं, जो चिंता का विषय है."
एनएचआरसी ने कहा कि उसने मीडिया में आई एक खबर का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई, जिनमें से छह की मौत बिजली का करंट लगने से और चार की मौत भारी बारिश के बीच उफनते नालों में गिरने से डूबने से हुई, जिससे "बुनियादी ढांचे की खस्ताहालत और नागरिक लापरवाही और बढ़ गई है."
आयोग ने यह भी कहा कि वह यह जानना चाहेगा कि प्राधिकारियों द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं या प्रस्तावित हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों.
करंट लगने के मामलों में मुआवजा
पावर रेगुलेटर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली से संबंधित दुर्घटनाओं के कारण जान की हानि होने पर 7.5 लाख रुपये और 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता पर पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है.