IMA परेड में दिखा 'भविष्य के सैनिकों' का जज्बा, आर्मी चीफ भी नन्हे फौजियों के हो गए फैन

हिम्मत सिंह और अजीत सिंह नाम के ये बच्चे सिर से पैर तक आर्मी की ड्रेस में थे. हर कोई इनके साथ फोटो खिंचवाने को बेताब नजर आया.

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  • देहरादून में IMA की 157वीं पासिंग आउट परेड में सेना के जैसी वर्दी पहने दो बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे
  • आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने भी नन्हे सैनिकों संग फोटो खिंचवाए. दोनों बच्चे पूरी तरह फौज जैसी ड्रेस में थे
  • हिम्मत सिंह और अजीत सिंह के पिता सेना में अधिकारी हैं और बच्चों को उनके पिता की रैंक जैसी वर्दी पहनाई गई थी
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देहरादून:

कहते हैं कि भारतीय सेना की वर्दी महज एक ड्रेस नहीं, बल्कि आन-बान-शान का प्रतीक होती है. देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकेडमी (IMA) की पासिंग आउट में शनिवार को अनोखा नजारा दिखा, जहां अनुशासन के साये में 'भविष्य की फौज' ने कदमताल की. 157वीं पासिंग आउट परेड में दो नन्हे जांबाज पूरी शान से सेना की जैसी वर्दी पहनकर आए तो हर किसी की नजर उन पर ठहर गई. 

थल सेनाध्यक्ष भी मासूम फौजियों के फैन

भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इन बच्चों की मासूमियत के कायल हो गए. परेड के दौरान जब जनरल द्विवेदी की नजर दोनों छोटे सैनिकों पर पड़ी, तो वो भी खुद को रोक नहीं पाए और मुस्कुराते हुए नन्हे सैनिकों के साथ कई तस्वीरें खिंचवाईं. 

IMA परेड में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी नन्हे फौजियों के मुरीद हो गए.

हिम्मत सिंह और अजीत सिंह नाम के ये बच्चे सिर से पैर तक आर्मी की ड्रेस में थे. हर कोई इनके साथ फोटो खिंचवाने को बेताब नजर आया. दोनों बच्चे आईएमए की पासिंग आउट परेड में आकर्षण का केंद्र बने रहे. 

विरासत में मिला है वर्दी का जज्बा

इन बच्चों को देशभक्ति का जज्बा विरासत में मिला है. हिम्मत सिंह के पिता लवप्रीत सिंह सेना में मेजर के पद पर हैं. वह जून 2015 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए थे. वहीं अजीत सिंह के पिता शनिवार को हुई आईएमए की पासिंग आउट परेड में सैन्य अधिकारी बने हैं. 

खास बात यह थी कि दोनों ही बच्चों को उनके पिता की तरह आर्मी की ड्रेस पहनाई गई थी. हिम्मत सिंह को उनके पिता की तरह परिवार वालों ने मेजर रैंक की ड्रेस पहनाई थी. वहीं अजीत सिंह अपने पिता की तरह लेफ्टिनेंट की वर्दी में थे. 

पिता फौजी, दादा भी सेना में हवलदार थे

दोनों बच्चे मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हैं और चचेर-ममेरे भाई हैं. इनके दादा सेना से हवलदार के पद से रिटायर हुए थे. दादा की सीख और पिता के गौरव को वर्दी में सजाए ये बच्चे भविष्य के जांबाज सैनिकों की झलक पेश कर रहे थे. 

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गौरतलब है कि आईएमए की पासिंग आउट परेड में भारतीय सेना को 491 युवा सैन्य अफसर मिले हैं. इनके अलावा 14 मित्र राष्ट्रों के 34 ऑफिसर कैडेट्स भी पास आउट हुए. इस तरह कुल मिलाकर 525 ऑफिसर कैडेट्स शनिवार को पास आउट हुए. IMA के 93 साल के इतिहास में पहली महिला ऑफिसर कैडेट साई जाधव भी पास आउट हुईं. 

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