"कोई अगर भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाए तो जवाब देने में सक्षम" : चीन को रक्षा मंत्री का मैसेज

अरुणाचल प्रदेश ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र के नमसाई में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नमसाई (अरुणाचल प्रदेश):

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयासों को खारिज कर दिया और सवाल किया कि क्या भारत के भी ऐसा ही करने से पड़ोसी देश के वे इलाके “हमारे क्षेत्र का हिस्सा” बन जाएंगे. एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने यह भी कहा कि अगर कोई भारत के सम्मान और स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है, तो देश अब इसका जवाब देने की क्षमता रखता है. उनकी यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बीच आई है.

पिछले महीने के अंत में, बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश में 30 और स्थानों के लिए चीनी नामों की घोषणा की थी. पड़ोसी देश अरुणाचल प्रदेश पर तिब्बत के दक्षिणी भाग के रूप में दावा करता है. भारत पहले ही चीन की कार्रवाई को “मूर्खतापूर्ण” बता चुका है.

उन्होंने कहा, “मैं अपने पड़ोसी को बताना चाहता हूं कि अगर कल हम चीन के कुछ हिस्सों में कुछ राज्यों के नाम बदल देंगे, तो क्या नाम बदलने से चीन के वे राज्य हमारे हो जाएंगे?”

सिंह ने कहा कि चीन को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि वे राज्य में स्थानों के नाम बदलकर अरुणाचल प्रदेश पर दावा कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि ऐसी हरकतों से भारत और चीन के रिश्ते खराब होंगे. हमारे देश में अटल बिहारी वाजपेयी जी कहते थे कि हमें ये बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि जिंदगी में दोस्त तो बदल जाते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदलते.”

सिंह ने कहा, “भारत की सोच है कि हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं. हम सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं. लेकिन बहनो और भाइयो, अगर कोई भारत के मान, गौरव और आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाने की कोशिश करेगा तो स्वाभाविक है, आज भारत उसका जवाब देने की क्षमता रखता है.”

Advertisement

रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के लोगों की भी सराहना की और उन्हें “रणनीतिक संपत्ति” बताया.

सिंह ने कहा, “इसलिए हमारे हृदय में आप सभी के प्रति विशेष प्रेम और सम्मान की भावना है. और जब भी चीन से युद्ध हुआ तो आपकी जो भूमिका रही, उसे पूरा भारत कभी नहीं भूल सकता.”

सिंह ने कहा, “मेरी बहनो और भाइयो, भारत हमेशा आपका ऋणी रहेगा. यह हम सभी का घर है.”

सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स' अखबार ने 31 मार्च को अपनी खबर में कहा था कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है. चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और उस पर दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में दावा करता है.

Advertisement

पिछले साल अप्रैल में भी जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के लिए अपने मानकीकृत नामों की तीसरी सूची जारी की थी तो भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के चीन के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी जबकि 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गयी थी. मई, 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
"CM के लिए अलग कानून नहीं..." : गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की अर्जी HC में खारिज

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War Explained: Trump की ताजपोशी से पहले क्यों मची होड़