बिहार में जहरीली शराब से अब तक 65 लोगों की मौत, शराबबंदी के 6 साल में ये सर्वाधिक आंकड़ा

जहरीली शराब त्रासदी को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी बिहार सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है.

Advertisement
Read Time: 10 mins
बिहार में अप्रैल, 2016 से शराब के सेवन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है.
नई दिल्ली:

बिहार में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा बढ़कर 65 हो गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बिहार में छह साल पहले लागू शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब से मरने वालों की ये सर्वाधिक संख्या है. इस जहरीली शराब त्रासदी को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी बिहार सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है.

बिहार में अप्रैल, 2016 से शराब के सेवन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है. लेकिन सरकार पर आरोप है कि इसका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है.

मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने के कारण कई लोगों की मौत हो गई. आयोग ने कहा कि यदि मीडिया में आई खबरें सही हैं, तो इससे मानवाधिकार को लेकर चिंता पैदा होती है.

आयोग के बयान के मुताबिक, उसने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी करके विस्तृत ब्योरा तलब किया है. इसके तहत पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का उपचार और पीड़ित परिजनों को दी गई क्षतिपूर्ति (यदि की गई है तो) की जानकारी मांगी गई है.

आयोग ने यह भी जानना चाहा कि इस त्रासदी को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. आयोग ने सरकार से इस बारे में यथा शीघ्र जवाब मांगा है. यह जवाब आदेश जारी होने के बाद से चार हफ्ते के अंदर देना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, छपरा के मरौढ़ा थाना अंतर्गत मशरख, इशुआपुर और अमनौर गांवों में ज्यादातर मौतें हुईं हैं. कहा गया है कि पुलिस को संदेह है कि ग्रामीणों ने आसपास के इलाकों में एक सामान्य दुकान से शराब खरीदी होगी. मृतकों के परिजनों ने कथित तौर पर कहा है कि 50 से अधिक लोगों ने देशी शराब पी थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Bridge Collapse: जनता की गाढ़ी कमाई, नदियों में समाई! 15 दिन में 10 पुल ढहे, ज़िम्मेदार कौन?