Dantewada Naxalite Attack: छत्तीसगढ़ में हुए अब तक के बड़े नक्सली हमलों पर एक नज़र

दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के उन 10 जिलों - बस्तर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, राजनांदगांव और सुकमा में से एक है, जो माओवाद से प्रभावित है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेड कॉरिडोर के अंतर्गत है. जिसे माओवादियों का प्रभाव क्षेत्र कहा जाता है.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार 26 अप्रैल को नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. एक ड्राइवर की भी जान चली गई है. नक्सलियों ने 50 किलो आईईडी से बारूदी सुरंग में ब्लास्ट कर दिया था. दंतेवाड़ा क्षेत्र राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 450 किमी दूर स्थित है. हमले के दौरान पुलिस की टीम बारिश में फंसे सुरक्षा बलों को रेस्क्यू करने जा रही थी. 

छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेड कॉरिडोर के अंतर्गत है. जिसे माओवादियों का प्रभाव क्षेत्र कहा जाता है. इस हिस्से में मध्य भारत (Central India) समेत पूर्वी और दक्षिण भारत (South India) के कुछ हिस्से भी आते हैं. बंदूक के दम पर समानता का समाज बनाने की मांग करने वाला यह उग्रवादी (Extremist) हिस्सा साक्षरता, आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे मोर्चों पर बेहद पिछड़ा हुआ है. इसके बावजूद यह रेड कॉरिडोर 10 राज्यों में फैला हुआ है और करीब 100 जिले इसकी चपेट में हैं.

रेड कॉरिडोर के विस्तार से 10 सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल रहे हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की बात की जाए तो बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ का नाम आता है. यहां क्रमश: 22, 21, 19 और 16 जिले अतिवादी हिंसा की चपेट में रहे हैं. 

दंतेवाड़ा राज्य के उन दस जिलों - बस्तर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, राजनांदगांव और सुकमा में से एक है, जो माओवाद से प्रभावित है.

छत्तीसगढ़ में हुए प्रमुख माओवादी/नक्सली हमलों पर एक नजर:-

अप्रैल 2010: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के घने मुकराना जंगलों में 6 अप्रैल 2010 को घात लगाकर किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 75  जवान और राज्य पुलिस के एक जवान की मौत हो गई थी. इस हमले को देश का अब तक का सबसे बुरा और बड़ा माओवादी हमला माना जाता है.

मई 2013: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 25 मई 2013 को रैली के दौरान सादे कपड़ों में लगभग 250 माओवादियों ने कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया. इसमें कम से कम 25 लोग मारे गए. मारे गए लोगों में तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल और पार्टी के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा शामिल थे.

Advertisement

अप्रैल 2017: 24 अप्रैल, 2017 को एक घातक नक्सली हमले में कंपनी कमांडर सहित 25 जवान शहीद हो गए थे. सैकड़ों माओवादियों के एक समूह ने सुनियोजित तरीके से नरसंहार को अंजाम दिया था.

मार्च 2020: 21 मार्च 2020 को छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित सुकमा जिले के जंगलों में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में कई जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के जवानों सहित 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.

Advertisement

अप्रैल, 2021: लगभग 400 नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. नक्सलियों ने जंगल में सुरक्षाकर्मियों को घेर लिया था. फिर कई घंटों तक उन पर मशीनगनों और आईईडी से हमले किए थे.

जून 2022: 21 जून, 2022 को छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर एक सुरक्षा चौकी पर माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए थे.

Advertisement

नक्सलवादी उन्हें कहा जाता है, जो भारत में कट्टर वामपंथी विचारधारा का समर्थन करते हैं. इनकी जिंदगी का एक ही सहारा होता है हिंसा के सहारे सिस्टम में बदलाव लाना. जबकि माओवादी का मतलब वो लोग जो 'माओ' या 'माओ ज़ेडोंग' की विचारधारा से प्रभावित होते हैं.
 

Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश