तेजस्वी यादव के खिलाफ खत्‍म हो सकता है आपराधिक मानहानि केस, सुप्रीम कोर्ट ने दिये संकेत

आपराधिक मानहानि के लिए तेजस्‍वी यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई.

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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव द्वारा गुजरातियों के खिलाफ टिप्पणी का मामला
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरात में दर्ज मानहानि केस खत्म करने के संकेत दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी से बेहतर हलफनामा दायर करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दाखिल हलफनामे में तेजस्वी को यह लिखना है कि उन्हें गुजरातियों को ठग बताने वाले बयान पर खेद है और वह इसे वापस ले रहे हैं. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते के बाद करेगा. 

राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उन्होंने गुजरातियों के बारे में की गई अपनी टिप्पणी वापस ले ली है. तेजस्‍वी यादव ने यह हलफनामा उस ट्रांसफर याचिका में दायर किया है, जिसमें उन्होंने 'गुजराती ही ठग' पर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले को अहमदाबाद से किसी तटस्थ स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की थी.

कथित आपराधिक मानहानि के लिए यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. गुजरात की एक अदालत ने अगस्त में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी और एक स्थानीय व्यवसायी और कार्यकर्ता हरेश मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था.

शिकायत के अनुसार, यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था, "वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा." बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पूछा था, "अगर वे एलआईसी या बैंकों का पैसा लेकर भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?" मेहता ने दावा किया था कि यादव की टिप्पणी ने सभी गुजरातियों की मानहानि की.

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