"हमारा उससे कोई मतलब नहीं..": अतीक-अशरफ के हत्यारों के परिवारवालों का छलका दर्द

Atiq Ahmad Killer: अतीक-अशरफ मर्डर केस के तीनों आरोपियों के घरवाले कह रहे हैं कि तीनों ही घर छोड़ चुके थे और तीनों का परिवार से कोई मतलब नहीं था. हमलावर लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है.

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शूटर लवलेश तिवारी के पिता

अतीक अहमद (Atiq Ahmad) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की शनिवार रात को हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब दोनों को मेडिकल कॉलेज (Medical College) ले जाया जा रहा था. इस हत्याकांड के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जानकारी के मुताबिक अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. वहीं पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं की वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए उन्होंने इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया.

इन तीनों हत्यारों के परिवारवाले कह रहे हैं कि तीनों ही घर छोड़ चुके थे और तीनों का परिवार से कोई मतलब नहीं था. हमलावर लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है. शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा कि हमारा अपने बेटे से कोई लेना-देना नहीं. लवलेश पहले कभी-कभी घर आता था. अभी कुछ दिन पहले बांदा आया था. इससे पहले भी वो एक मामले में जेल गया था. लवलेश नशा भी करता है.

लवलेश के पिता ने कहा कि हमें कोई जानकारी नहीं की वह वहां कैसे पहुंच गया और हमें इससे कोई मतलब नहीं है यह प्रयागराज में कब से है हमें नहीं पता. यह आखिरी बार 7-8 दिन पहले आया था. वहीं इस मामले के दूसरे शूटर सनी कुरारा निवासी पर थाने में 14 मुकदमे दर्ज है. हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से सनी फरार चल रहा था. सनी पिछले करीब पांच साल से अपने घर नहीं आया है. अपने हिस्से की जमीन जायदाद बेचकर चला गया था. सनी के पिता की मौत हो चुकी है. परिवार में मां के अलावा एक भाई है. भाई पिन्टू सिंह चाय नाश्ते की दुकान चलाता है.

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सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं. हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई. यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता था. हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था. पुलिस तीसरे  शूटर अरुण के घर भी पहुंची. पुलिस के मुताबिक अरुण बचपन से ही घर छोड़कर चला गया था. साल 2010 में ट्रेन में एक पुलिस कर्मी की हत्या में भी इसका नाम आ चुका है. अब अरुण मौर्य दिल्ली की किसी फैक्ट्री में काम करता था. 

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