मोहम्मद शमी की एनर्जी ड्रिंक पीने की तस्वीर जिसपर मचा बवाल और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी.
Shami Energy Drink Controversy: दुबई में खेले जा रहे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy) के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की जीत में मोहम्मद शमी की भूमिका बड़ी रही. शमी ने इस मुकाबले में 10 ओवर में 48 रन देकर तीन विकेट चटकाए. लेकिन शमी के इस प्रदर्शन की तारीफ के बदले उनकी एक तस्वीर को लेकर नई बहस छिड़ गई है. इस मुकाबले में शमी एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आए. रमजान में शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने की तस्वीर सामने आने के बाद कई कट्टरपंथी उनपर सवाल करते नजर आए. दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शमी के रोजा छोड़ने को बड़ा गुनाह बताते हुए उन्हें कई नसीहत दे दी. लेकिन इस पूरे प्रकरण पर आम लोग और अन्य मुस्लिम रहनुमाओं का क्या कहना हैं, जानिए इस स्टोरी में.
पहले जानिए शमी के रोजा छोड़ने पर मौलाना शहाबुद्दीन ने क्या कहा
मोहम्मद शमी के रोजा छोड़ने पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, "...रोजा अनिवार्य कर्तव्यों में से एक है. अगर कोई स्वस्थ पुरुष या महिला रोज़ा नहीं रखता है, तो वह बड़ा अपराधी है. भारत के एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी ने मैच के दौरान पानी या कोई अन्य पेय पदार्थ पी लिया. लोग उन्हें देख रहे थे. अगर वह खेल रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ हैं. ऐसी हालत में उन्होंने रोज़ा नहीं रखा और पानी भी पी लिया. इससे लोगों में गलत संदेश जाता है. रोज़ा न रखकर उन्होंने गुनाह किया है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. शरीयत की नजर में वह अपराधी हैं. उन्हें खुदा को जवाब देना होगा."
भाजपा नेता बोले- अपनी दुकानदारी चमका रहे हैं मौलाना
दूसरी ओर इस मामले में बीजेपी नेता शहजाद अली इदरीसी ने मौलान शहाबुद्दीन रजवी पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा, जिस मौलाना ने यह सवाल खड़ा किया, उससे मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वो इस्लाम के दारोगा हैं. इस्लाम में कोई दारोगा नहीं है. नहीं तो कोई मुसलमान ऐसा नहीं है कि रोजा छोड़ता हो. इस मामले में सवाल खड़ा रखने वाले अपनी दुकानदारी चमका रहे हैं.
मिल्लत टाइम्स के संपादक बोले- शमी को ट्रोल करना उचित नहीं
मिल्लत टाइम्स के संपादक शम्श तबरेज ने कहा कि रोजा रखना इस्लाम में फर्ज है, हर मुसलमान को रोजा रखना चाहिए. यह बात सही है. लेकिन शमी ने रोजा नहीं रखा तो उसके लिए उनके ट्रोल करना उचित नहीं करना चाहिए. बीमार, सफर के दौरान, काम के दौरान, युद्ध के दौरान रोजा नहीं रखने की सलाह दी गई है. रोजा रखने से यदि किसी इंसान को उसके काम के लिए एनर्जी नहीं मिल सकती तो वो रोजा नहीं रख सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि शमी रोजा रखते तो और बेहतर संदेश जाता. जैसा ही हाशिम अमला ने किया था.
शिया पसर्नल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी ने क्या कुछ कहा
ऑल इंडिया शिया पसर्नल लॉ (AISPLB) के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूद अब्बास ने शमी पर हो रही बयानबाजी को सस्ती लोकप्रियता का तरीका बताया. उन्होंने कहा, "इस्लाम में कोई जबरदस्ती नहीं है. जहां तक रोजे का मसला है आदमी खुद बालिग हैं. वो खुद समझता है कि कब उसे रोजा रखना चाहिए और कब नहीं रखना चाहिए. कई लोग रोजा नहीं रखते हैं. लेकिन शमी को टारगेट किया जाना बिल्कुल गलत है."
आम लोग बोले- शमी ने रोजा छोड़कर कोई गुनाह नहीं किया
इस मामले में जामा मस्जिद के पास मौजूद कई आम लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. अफसर गाजी नामक एक शख्स ने कहा कि शमी देश के लिए इतना बड़ा मैच खेल रहा था, उनका पानी पीना कोई गुनाह नहीं है. एक अन्य शख्स ने कहा- शमी का रोजा नहीं था, उन्होंने पानी पी लिया इसमें कोई गलत नहीं है. शमी देश को प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उनका रोजा नहीं रखना कोई गुनाह नहीं है.
शमी के भाई ने कहा- यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं
शमी पर मचे बवाल पर उनके बयान मोहम्मद जैद का बयान भी सामने आया है. मोहम्मद जैद ने कहा," भाई दुबई में खेल रहे हैं. दुबई का सफर बहुत लंबा है. इन मौलाना को भी पता होगा कि जब कोई 70 किलोमीटर के सफर से ज्यादा के सफर पर होता है तो वह रोजा छोड़ सकता है. उसके भी कुछ नियम होते हैं. जैसे कि वह इंसान रोजा बाद में रख सकता है. ये इतना बड़ा कोई मुद्दा नहीं है. ये लोग हर बात पर ऐसा निकाल देते हैं कि ये इस्लाम के खिलाफ है. पर सच में ऐसा कुछ है नहीं. इस्लाम में तो कई और चीजें भी हैं, लोग उसे भी नहीं मान रहे हैं. मौलाना साहब को उन चीजों पर भी गंभीरता से अपनी रखनी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए."
सोशल मीडिया पर भी कई लोग शमी के साथ
मोहम्मद शमी की इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस चल रही है. सोशल मीडिया पर लोग शमी के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं. जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रोजा रखने की बात करते हुए पहले धर्म को मानने की सलाह दे रहे हैं. शमी के प्रशंसकों का कहना है कि देश के लिए खेलना सबसे बड़ी बात है. ऐसे में किसी खिलाड़ी को अपने आपको मैच खेलने के दौरान खुद को कैसे तरोताजा और फिट रखना है ये उसका फैसला है. इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
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