Credit Suisse Group के संकट से अमीर भारतीयों की क्यों बढ़ी परेशानियां?

बीते कुछ समय से Credit Suisse बैंक लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है. शेयरों की कीमत में लगातार आ रही कमी के चलते बैंक के शेयरहोल्डर्स भी इसका साथ छोड़ने लगे हैं.

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क्रेडिट सुइस सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) की तुलना में भारत के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए ज्यादा रेलिवेंट है.
नई दिल्ली:

अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) और सिल्वरगेट बैंक (Silvergate Bank) के बंद होने के बाद अब यूरोप के सबसे बड़े बैंकों में एक Credit Suisse (क्रेडिट सुइस) का हाल खराब है. तीन महीनों में आई गिरावट के चलते बैंक स्टॉक्स ( Bank Stocks) की कीमत एक तिहाई तक घट गई है. इसने दुनियाभर की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. भारत में इसको लेकर बातें होने लगी हैं. क्रेडिट सुइस संकट से अमीर भारतीयों की परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं.

स्विट्ज़रलैंड के छोटे पड़ोसी देश लिकटेंस्टीन के शाही परिवार द्वारा समर्थित एक फर्म ने मंगलवार को कहा कि क्रेडिट सुइस ग्रुप संकट से अमीर भारतीयों के इंटरनेशनल फंड मैनेजमेंट के तरीके में सेंध लगने की संभावना है. LGT वेल्थ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चीफ इंवेस्ट ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश चेरुवु ने कहा, 'पिछले 15 वर्षों में कई मल्टीनेशनल फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन आए और भारतीय बाजारों से बाहर हो गए. इसलिए क्रेडिट सुइस का संकट अमीर भारतीय निवेशकों को परेशान कर रहा है.

चेरुवु ने Bloomberg टेलीविजन को बताया, "यह विशेष घटना एक बार फिर उनकी व्यावसायिक रणनीतियों के संदर्भ में पिछली अनिश्चितता की याद दिलाती है. निवेशक मुख्य रूप से अपने बिजनेस ऑपरेशन और अपने बिजनेज एडवाइजर्स के लिए स्थिरता चाहते हैं."

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इस साल सिटीग्रुप इंक. एक्सिस बैंक के जरिए भारत में अपने रिटेल ऑपरेशन से बाहर हो गया. सिटीग्रुप ने अपने सारा बिजनेस देश के तीसरे सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता बैंक को ट्रांसफर कर दिया. इसके अलावा, पिछले एक दशक में क्रेडिट सुइस के नए खरीदार- यूबीएस एजी, मॉर्गन स्टेनली और मैक्वेरी ग्रुप लिमिटेड करोड़पति निवेशकों से बिजनेस बनाने में मुश्किल होने के बाद देश के प्राइवेट वेल्थ बिजनेस से बाहर निकल गए.

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फिर भी जैसे-जैसे भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, लोगों में पैसा बनाने की मात्रा और पेशेवर फंड मैनेजमेंट का नजरिया भी तेजी से बढ़ रहा है. इसने कई निवेशकों को आकर्षित भी किया है, क्योंवि वे देश के 600 अरब डॉलर की फंड इंडस्ट्री के एक हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं. ये इंडस्ट्री सालाना दो अंकों में वृद्धि कर रही है.

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वहीं, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी, भारत में अपने अमीर निवेशकों को बनाए रखने के लिए एक ऑनशोर निजी बैंकिंग सेवा शुरू करने की योजना बना रही है. जबकि जूलियस बेयर ग्रुप लिमिटेड का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में और अधिक स्थानों पर अपने बिजनेस का विस्तार करना है.

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