प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में मतभेदों को बोने और विभाजन पैदा करने के प्रयासों के प्रति देशवासियों को आगाह करते हुए विश्वास दिलाया कि इस तरह के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे. दिल्ली छावनी के करियप्पा मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता का मंत्र ही भारत के लिए श्रेष्ठता हासिल करने का एकमात्र तरीका है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के युवाओं के कारण पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. उनकी सरकार ने डिजिटल, स्टार्ट-अप और इनोवेशन क्रांतियों की शुरुआत की है. इससे युवा लाभान्वित हो रहे हैं. यह भारत के युवाओं के लिए नए अवसरों का समय है. हर कोई यह मान रहा है कि भारत का समय आ गया है.
'विभाजन पैदा करने के लिए भांति-भांति की बातें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले एनसीसी कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को तोड़ने के बहाने ढूंढे जाते हैं. भारत माता के बच्चों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए भांति-भांति की बातें निकालकर मां भारती की संतानों के बीच दूध में दरार डालने की कोशिशें हो रही हैं. इस तरह के प्रयासों के बावजूद, भारत के लोगों के बीच कभी मतभेद नहीं होंगे." प्रधानमंत्री ने कहा, "मां के दूध में कभी दरार नहीं हो सकती. एकता का मंत्र ही इसका उपचार है. एकता का मंत्र प्रतिज्ञा के साथ-साथ भारत की ताकत भी है. यह एकमात्र तरीका है, जिससे भारत वैभव हासिल करेगा." ऐसा माना जा रहा है कि 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डाक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आई है.
'युवा ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए'
पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले एनसीसी कैडेटों की सराहना की और कहा कि देश के लिए प्राथमिकता हमेशा युवा होंगे. युवा ऊर्जा और उत्साह से भरे हुए हैं. युवाओं के पास अपार अवसर हैं. केंद्र सरकार अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रों में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है, जहां स्टार्ट-अप काफी प्रगति कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले आयात की जाने वाली असॉल्ट राइफलें, अब देश के भीतर निर्मित की जा रही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से सीमा के बुनियादी ढांचे का काम हो रहा है और यह युवाओं के लिए अवसरों और संभावनाओं की एक नई दुनिया खोलेगा. पीएम मोदी ने कहा कि यह देश की बेटियों के लिए भी अपार संभावनाओं का समय है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पिछले आठ वर्षों में महिलाओं की संख्या दोगुनी देखी है. तीनों सशस्त्र सेनाओं में सरहदों पर महिलाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त हो गया है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को नौसेना में नाविकों के रूप में भर्ती किया गया है और सशस्त्र बलों में लड़ाकू भूमिकाओं में भी प्रवेश करना शुरू कर दिया है.
बेटियों की भागीदारी में लगातार वृद्धि
पीएम मोदी ने कहा, "महिला कैडेटों के पहले बैच ने पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण शुरू कर दिया है और 1500 छात्राओं को सैनिक स्कूलों में भर्ती कराया गया है, जिन्हें पहली बार छात्राओं के लिए खोला गया था." प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर में भी पिछले एक दशक में बेटियों की भागीदारी में लगातार वृद्धि देखी गई है. इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल आर हरिकुमार, चीफ ऑफ एयर स्टाफ वीआर चौधरी और रक्षा सचिव गिरधर अरमाने मौजूद थे.
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