पति के आलीशान मकान में रहना चाहती थी पत्नी, कोर्ट ने खारिज की याचिका; चल रहा तलाक का केस

शीर्ष न्यायालय ने परिवार अदालत को तलाक याचिका पर कार्यवाही में तेजी लाने को कहा, जो 2015 से लंबित है. न्यायालय ने कहा, ‘‘नतीजतन हम दोनों याचिकाओं में कोई ठोस आधार नहीं पाते हैं और वे खारिज की जाती हैं.

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न्यायालय ने उद्योगपति पति के आलीशान मकान में रहने देने की अनुमति वाली याचिका खारिज की. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सोशलाइट पूनम जयदेव श्रॉफ की याचिकाएं खारिज कर दी, जिनका अपने उद्योगपति जीवनसाथी के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा है. पूनम ने याचिकाओं में कहा था कि या तो उसे उनसे दूर रह रहे पति जयदेव श्रॉफ के साथ उनके मुंबई स्थित आलीशान मकान में रहने दिया जाए, या किराये पर रहने के लिए उसे प्रति माह 35.37 लाख रुपये दिये जाए.

शुरूआत में न्यायालय ने पूनम को मुंबई में किराये पर रहने के लिए अपनी पसंद का एक मकान ढूंढने को कहा था. न्यायालय ने बाद में मुंबई में बांद्रा स्थित परिवार अदालत के रजिस्ट्रार को बम्बई उच्च न्यायालय के वास्तुकारों के पैनल से एक वास्तुकार की सेवा लेने को कहा था. इससे पहले, पूनम के पति उसे अंतरिम गुजारा भत्ता के तौर पर 12 लाख रुपय के अलावा 30 लाख रुपये प्रति माह किराया देने को राजी हुए थे.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अदालत द्वारा पूनम व उसकी (नाबालिग) बेटी के लिए नियुक्त वास्तुकार के जरिए ढूंढे गये मकान को खारिज किये जाने पर सख्त संज्ञान लिया और इस रुख को अनुचित बताया.

शीर्ष न्यायालय ने परिवार अदालत को तलाक याचिका पर कार्यवाही में तेजी लाने को कहा, जो 2015 से लंबित है. न्यायालय ने कहा, ‘‘नतीजतन हम दोनों याचिकाओं में कोई ठोस आधार नहीं पाते हैं और वे खारिज की जाती हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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