असम के करीमगंज जिले की एक अदालत ने दो संदिग्ध चोरों को हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने नीलाम बाजार थाना प्रभारी दीपज्योति मालाकार के खिलाफ तब कार्रवाई का आदेश दिया, जब गुरुवार को अदालत में पेश किए जाने पर दोनों ने प्रताड़ना के आरोप लगाए.
दोनों की ओर से पेश हुए वकील रोसोसिंधु दत्ता ने कहा कि बुधवार रात नीलामबाजार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्धों ने दावा किया कि मालाकार के निर्देश पर हिरासत में उन्हें प्रताड़ित किया गया. मालाकार ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि यह दोनों संदिग्धों की खुद को बचाने की चाल है, क्योंकि पुलिस के पास उनके अपराधों के ठोस सबूत हैं.
दत्ता के अनुसार, हिरासत में उनमें से एक को कई तरह से प्रताड़ित किया गया, जिसमें गोपनीय अंगों पर मिर्च पाउडर रगड़ना और उसके शरीर पर ज्वलनशील तरल पदार्थ डालना और उसे आग लगाने की धमकी देना शामिल है.
उन्होंने अदालत में मौजूद एक पुलिसकर्मी की ओर भी इशारा किया, जिसने प्रताड़ना में मदद की थी, जिस पर सीजेएम नूर मोहम्मद अब्दुल्ला अहमद मजूमदार ने इस संबंध में कर्मियों से पूछताछ की. दत्ता ने कहा कि पुलिसकर्मी ने हिरासत में प्रताड़ना में अपनी संलिप्तता की बात अदालत के समक्ष स्वीकार की.
सीजेएम ने मालाकार को फटकार लगाई और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 330 और 323 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया. दत्ता ने कहा कि अदालत ने दोनों संदिग्ध चोरों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.