Karnataka Coronavirus: कर्नाटक में एक महीने से भी ज्यादा समय से लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ है और यह 7 जून तक लगा रहेगा. लेकिन इसके बाद क्या होगा? कर्नाटक की कोविड एक्सपर्ट समिति के मुताबिक़ 14 फीसदी के आसपास फिलहाल संक्रमण की दर है. ऐसे में लॉकडाउन हटाने से हालात काफ़ी बिगड़ सकते हैं.
कर्नाटक कोविड टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य हैं डॉ विशाल राव. राज्य में कोविड संक्रमण रोकने के साथ-साथ संक्रमित मरीज़ों के इलाज के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर सरकार के फैसलों में डॉ विशाल राव की अहम भूमिका होती है. फिलहाल कर्नाटक में संक्रमण की दर 14 फीसदी के आसपास है. ऐसे में विशाल राव का मनना है कि सरकार को लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधि में से एक को चुनना होगा.
डॉ विशाल राव ने कहा कि हमें लगातार कोशिश करनी है कि पॉजिटिविटी की दर कम से कम 5 फ़ीसदी से कम हो और 5 फीसदी की इस दर को आगे भी बनाए रखा जाए, क्योंकि अगर इस पर नियंत्रण नहीं रहा तो संक्रमण दर 5 से 15 और 15 से 30 प्रतिशत पहुंचने में समय नहीं लगेगा. यानी जो गलती हमने सेकंड वेव में की है, उसे दोहरा नहीं सकते.
साफ है कि कोविड टास्क फोर्स की समिति फिलहाल लॉकडाउन खत्म करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन फैसला मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को लेना है जो कि लॉकडाउन के पक्ष में कभी नहीं रहे. वे भी दुविधा में हैं क्योंकि हाल ही में कर्नाटक में 50 हज़ार तक संक्रमण के मामले रोज़ाना आए. बेंगलुरु में 28 हज़ार के आसपास मामले रोज आए.
सीएम बीएस येदियरप्पा का कहना है कि फिलहाल लॉकडाउन 7 जून तक जारी रहेगा. सख्त कदमों में ढिलाई नहीं होगी. फिर हम हालात का जायज़ा लेकर तय करेंगे कि आगे क्या करना है.
एक्सपर्ट समिति चाहती है कि टीकाकरण और तेज़ किया जाए ताकि संक्रमण की रफ़्तार कम हो सके. फिलहाल एक करोड़ 34 लाख के आसपास टीके यहां लगाए गए हैं. यानी एक चौथाई के आसपास. बड़ी आबादी को टीका लगना बाक़ी है.
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अगर बाजारों को खोल दिया जाए तो हालात और भी खराब हो सकते हैं, यह मानना है टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी का. जब लॉकडाउन लगाया गया था तब संक्रमण की दर 14 फ़ीसदी के आसपास थी और आज भी इसी के आसपास है ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक टीकाकरण रफ्तार न पकड़े तब तक लॉकडाउन में ढील न दी जाए.