दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के भारत में भी कई मामले सामने आए हैं. ऐसे में ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कोलकाता के डॉक्टरों का मानना है कि अधिकतर मरीजों के इलाज के लिए एंटीबॉडी कॉकटेल की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए इलाज का यह फार्मूला बहुत ज्यादा उपयोगी नहीं है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एसएसकेएम अस्पताल के डॉ अभिजीत चौधरी ने कहा कि एंटीबॉडी कॉकटेल सिर्फ कुछ ही लोगों को जरूरत है. 99 प्रतिशत से अधिक लोगों को इसकी जरूरत नहीं पड़ती. केवल 60 साल के ऊपर के लोगों को ही बीमारी के शुरूआती 4-5 दिनों में एंटीबॉडी कॉकटेल से मदद मिल सकती है. एंटीबॉडी कॉकटेल कोरोना महामारी के लिए एक अच्छा समाधान नहीं होने वाला है.
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वहीं इस संबंध में मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियक सर्जन ( cardiac surgeon) डॉ कुणाल सरकार ने ओमाइक्रोन वैरिएंट के पर्याप्त डेटा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम अभी भी असमंजस में हैं. क्योंकि हमें ओमिक्रॉन और डेल्टा के अनुपात के बारे में नहीं पता है. अगर कोई डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित है तो इसका कुछ उपयोग हो सकता है, लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए एंटीबॉडी कॉकटेल उपयोगी नहीं है.
वहीं राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 9,073 नए मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटों के दौरान 3,768 लोग संक्रमण से ठीक हुए हैं और 16 लोगों की मौत हुई है. राज्य नें वर्तमान में कोरोना के 25,475 एक्टिव केस हैं.
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