क्या कोरोना का नया वेरिएंट 'FLiRT' मचा सकता है तबाही? एक्सपर्ट से जानें

एनडीटीवी के साथ बात करते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के पूर्व निदेशक सुजीत सिंह ने कहा कि अभी इस वेरिएंट को लेकर आम लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona virus) के एक नए वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है. अमेरिका में कोरोना का एक नया वेरिएंट 'FLiRT' सामने आया है. यह ओमिक्रॉन के जेएन.1 वेरिएंट के म्यूटेशन से बना है. दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स इसे लेकर गंभीर हैं. भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट 'FLiRT'को लेकर लोगों की चिंता बढ़ रही है. इस मुद्दे पर एनडीटीवी ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के पूर्व निदेशक सुजीत सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि हम इसे इस प्रकार से देख सकते हैं कि पहले जो वेरिएंट आया था ओमिक्रॉन, उसका ही यह म्यूटेशन है. जिनोमिक एक्सपर्ट की नजर से यह अधिक संक्रामक हो सकता है. 

सुजीत सिंह ने कहा कि इस वेरिएंट को लेकर बहुत अधिक चिंता की बात नहीं है. यह अमेरिका में पाया गया है और अभी इसके बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है. भारत में एक्सपर्ट इस पर हमेशा से निगाह रखे हुए हैं. हमारा सिस्टम नए वेरिएंट पर लगातार काम कर रहा है. जब तक इसे लेकर कोई और लक्षण हमें नहीं दिखते हैं तब तक इसे लेकर बहुत अधिक चिंता की बात नहीं है. 

हमारे लिए यह तब तक चिंता की बात नहीं है जब तक की इसका म्यूटेशन कोई गलत असर न करे. म्यूटेशन लगातार होते रहते हैं. हर वायरस में होते हैं. इस वायरस को भी हमें देखना होगा कि इसके हेल्थ पर प्रभाव क्या होते हैं. हमारा सिस्टम इसे ट्रैक करता रहा है. अभी यह आम लोगों के लिए कोई चिंता की बात नहीं है. 

इस वेरिएंट का नाम FLiRT क्यों रखा गया? 
अमेरिका की संक्रामक रोग सोसायटी के अनुसार, नाम ''फ़्लर्ट'' (एफएलआईआरटी) उनके म्यूटेशन के तकनीकी नाम पर आधारित है.  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इस पर नज़र है और इसने कड़ी निगरानी की सलाह दी है. सर गंगा राम अस्पताल के पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट धीरेन गुप्ता के अनुसार, कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आते रहेंगे. उन्होंने कहा, "अच्छी बात ये है कि ओमिक्रॉन वंश में से कोई भी फेफड़ों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं है जैसा कि डेल्टा स्ट्रेन ने किया था. यह ऊपरी श्वसन पथ तक ही सीमित रहता है. लेकिन वायरस में इस बदलाव के लिए निगरानी और सतर्कता रखी जानी चाहिए." 

Advertisement

इस वेरिएंट के क्या-क्या हैं लक्षण? 
विशेषज्ञों के अनुसार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का बढ़ता उपयोग इस म्यूटेशन को प्रेरित कर सकता है.  विशेषज्ञों ने बताया कि नए वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमीक्रॉन सबवेरिएंट के समान हैं, जैसे गले में खराश, खांसी, थकान, नाक बंद होना, नाक बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार और स्वाद और गंध की कमी हो सकती है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें-: 

Featured Video Of The Day
Delhi: 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए Arvind Kejriwal ने किया Sanjeevani Yojana का एलान
Topics mentioned in this article