कोरोना महामारी के चलते बीते डेढ़ साल से न्यूजीलैंड ने अपने बार्डर बंद कर रखे हैं, जिसके चलते सैकड़ों भारतीय फंस गए हैं. इसमें कई ऐसे छात्र शामिल हैं जिन्होंने लाखों रुपए लोन लेकर न्यूजीलैंड में दाखिला लिया था लेकिन अब भारत से न्यूजीलैंड नहीं जा पा रहे. पंजाब के रहने वाले जगविंदर का ही उदाहरण ले. जगविंदर भारत में हैं और उनकी पत्नी बीते डेढ़ साल से न्यूजीलैंड में हैं. जगविंदर 19 मार्च 2020 को अपने घर पंजाब आए थे लेकिन कोरोना की वजह से न्यूजीलैंड ने अपने बार्डर बंद कर दिए. तब से जगविंदर भारत में और उनकी पत्नी परविंदर न्यूजीलैंड में हैं.वीडियो कॉल के जरिए दोनों, एक-दूसरे को दिलासा देते हैं
वीडियो कॉल पर परविंदर बताती हैं, 'मैं यहां अकेले हूं. दवा से लेकर ग्रोसरी तक खुद ला रही हूं.' जगविंदर सिंह बताते हैं, 'मेरी पत्नी की स्टडी खत्म हो गई है पिछले साल मार्च में जाना था लेकिन मेरी फ्लाइट से दो दिन पहले न्यूजीलैंड सरकार ने फ्लाइट बंद कर दी. अब 18 महीने से मैं यहां हूं.' ऐसे अकेले जगविंदर ही नहीं हैं, जगदीप साजन जैसे तमाम ऐसे लोग हैं जिन्हें न्यूजीलैंड में रहते दस से पंद्रह साल हो चुके हैं. वो कुछ दिनों के लिए भारत आए थे लेकिन 18 महीने से वापस नहीं लौट पाए हैं. गुरविंदर 20 लाख रुपये लाख का लोन लेकर न्यूजीलैंड में पढ़ाई करने गए थे. छुट्टियां में भारत आए अब डेढ़ साल से यहीं हैं. ये सब परेशान हैं. ऐसे ही एक शख्स बताते हैं, 'मैं 2016 में वर्क परमिट मिला था मैं वेयर हाउस कंपनी में लॉजिस्टिक में था अपने परिवार से मिलने आया था तब से यहीं हूं. 25 लाख लोन लेकर गया था अब बंद हो गया अब न यहां के रहे न उधर के रहे. हम न्यूजीलैंड सरकार को यही बोलना चाहते हैं कि हमारा वीज़ा बढ़ाए.
ये लोग इस बाबत कई बार भारत सरकार को भी पत्र लिखकर न्यूजीलैंड सरकार से छूट देने और खत्म हो चुके वीजा के नवीनीकरण की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है. इस मामले में भारत सरकार को न्यूजीलैंड सरकार से बात करके कोई बीच का रास्ता खोजना चाहिए ताकि इन लोगों की परेशानियां खत्म हो सकें..
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