Karnataka corona cases Update: कर्नाटक में कोरोना तेज़ी से फैल रहा है. राज्य सरकार (Karnataka Governmrnt) बातें बड़ी-बड़ी करती है लेकिन जितनी तेजी से फैसला लिया जाता है, उतनी ही तेज़ी से उसमें बदलाव भी होता है, इसके कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने कहा कि 1 अप्रैल से बेंगलुरू आने पर RTPCR टेस्ट करवाना ज़रूरी है लेकिन इस फैसले को लागू नहीं किया गया. इसी तरह जिम और सिनेमा हाल पर जो पाबंदी 2-3 दिन पहले लगाई थी, उसमें भी काफी फेरबदल किया गया है. ऐसे में किसी को पता नहीं चल रहा कि आगे करना क्या है?
दिल्ली में अब 24 घंटे टीकाकरण, वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार का फैसला
कर्नाटक स्वीमिंग पूल एसोसिएशन, सरकार के इस 'यूटर्न' से नाराज है.जिम की तरह ही स्वीमिंग पूल पर भी कोरोना की वजह से पाबंदी लगाई गई है लेकिन जिम संचालकों के विरोध के बाद सरकार ने 50 फीसदी कैपेसिटी पर जिम खोले रखने की इजाज़त दे दी. सिनेमा हॉल्स को भी उस समय थोड़ी राहत मिली जब पुनीत राजकुमार, कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) से मिले. कर्नाटक स्वीमिंग पूल एसोसिएशन भी इसी तरह की राहत की मांग कर रहा है. कर्नाटक तैराकी संघ के महासचिव सतीश कुमार कहते हैं,'' कोरोना पानी से नहीं फैलता. अगर ऐसा होता है तो पीने के पानी से भी फैलता. वैसे भी हम क्लोरीन वाला पानी इस्तेमाल करते हैं जो सैनिटाइज होता है. साथ ही साथ 15 अक्टूबर से जब से पूल खोले गए तब से अब तक कर्नाटक के किसी की पूल से संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है.'
कोरोना के हालात को लेकर 8 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे पीएम मोदी : सूत्र
इसी क्रम में एक फैसले के तहत 1 अप्रैल से बेंगलुरू आने पर RT PCR टेस्ट अनिवार्य किया गया थी लेकिन सरकार ने कार्यकारी आदेश नहीं निकाला जिसके कारण दुविधा की स्थिति निर्मित हुई.इससे पहले दिसंबर में भी मुख्यमंत्री ने नाइट कर्फ्यू को लेकर अलग-अलग बातें कहीं. उन्होंने पहले कहा कि नाइट कर्फ्यू नहीं लगेगा, इसके अगले दिन कहा कि नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा. सीएम के इस बयान के बाद सरकार का आदेश आया कि कर्फ्यू नहीं लगाने का फैसला लिया गया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर कहते हैं कि सरकार दुविधा में है और दबाव में भी लेकिन लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नही किया जा सकता. जल्दी ही हम कड़े फैसले लेंगे.'' हालत यह है कि कर्नाटक में जितनी तेजी से फैसले लिए जाते है, उतनी तेज़ी से बदलाव भी होता है. कौन सा फैसला लागू करना है और कौन सा नहीं, इसे लेकर भी मंत्री और अधिकारियों के बीच तस्वीर साफ नही होती. ऐसे में सरकार के मुखिया, 78 वर्षीय सीएम बीएस येदियुरप्पा के काम करने के तौरतरीके पर सवाल उठाए जा रहे हैं.