तमिलनाडु की सियासत में इन दिनों कुछ ऐसा घट रहा है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हैं. दरअसल राज्यपाल आरएन रवि ने हाल ही में ऐसा कदम उठाया जिससे राज्य में तमिझगम बनाम तमिलनाडु को लेकर विवाद तेज हो गया है. राज्यपाल ने गवर्नर हाउस राजभवन में पोंगल त्योहार के लिए अपने निमंत्रण में तमिझगम शब्द का इस्तेमाल किया है. उनके इसी निमंत्रण पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनके सहयोगी नाराज हो गए, और उन्होंने राज्यपाल रवि को हटाने की मांग कर डाली.
पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में, राज्यपाल रवि ने कहा था: " इतने सारे शोध लिखे गए हैं - सभी झूठे और घटिया कल्पना. इतनी सारी थीसिस लिखी जा चुकी हैं - सब झूठी और घटिया कल्पना. इसे तोड़ा जाना चाहिए और सत्य की जीत होनी चाहिए. तमिलनाडु के लिए तमिझगम अधिक उपयुक्त शब्द है. बाकी देश ने लंबे समय तक विदेशियों के हाथों बहुत तबाही झेली."तमिलनाडु का अर्थ है "तमिलों का राष्ट्र" जबकि तमिझगम का अर्थ है "तमिल लोगों का निवास" और यह इस क्षेत्र का प्राचीन नाम है.
सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगियों ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने विपक्षी भाजपा और उसके वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए "तमिझगम" नाम का इस्तेमाल किया. डीएमके नेता टीआर बालू ने कहा, "वह ऐसे बयान देते हैं जो तथ्यात्मक रूप से गलत और संभावित रूप से खतरनाक हैं." राज्यपाल रवि के निमंत्रण, हालांकि कुछ दिन पुराना है, उन्होंने अपने भाषण को लेकर राज्य सरकार के साथ कल तमिलनाडु विधानसभा से बाहर निकलने के बाद और अधिक उकसावे का काम किया.
CPI(M) सांसद सु वेंकटेशन ने दो आमंत्रणों की तुलना करते हुए ट्विटर पर स्क्रीनशॉट साझा किया. उन्होंने कहा कि पोंगल के लिए राज्यपाल के निमंत्रण ने खुद को "तमिझगम के राज्यपाल" के रूप में संदर्भित किया. "वामपंथी नेता ने लिखा, "पिछले साल पोंगल समारोह के लिए गवर्नर हाउस से निमंत्रण तमिलनाडु के राज्यपाल लिखा. अब पोंगल उत्सव का निमंत्रण तमिझगम राज्यपाल के नाम से हैं. उन्हें उसी तेजी से राज्य छोड़ना चाहिए जिस गति से वे कल सदन से निकले थे. उन्हें निष्कासित कर दिया जाना चाहिए,"
कल, मुख्यमंत्री स्टालिन के साथ एक बड़े टकराव में, राज्यपाल तमिलनाडु विधानसभा से बाहर चले गए, यहां तक कि राष्ट्रगान को भी छोड़ दिया. राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित भाषण से राज्यपाल रवि ने धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के संदर्भों को छोड़ दिया. इसके विरोध में, द्रमुक और सहयोगियों ने विधानसभा में बार-बार "तमिलनाडु" चिल्लाया, राज्य का नाम बदलने पर रवि की टिप्पणी का विरोध किया. जिसके बाद ट्विटर पर हैशटैग #GetOutRavi भी कुछ देर के लिए ट्रेंड करने लगा.
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