पीएम मोदी की मंशा के विपरीत भारत में चीन से आयात बढ़ा, सरकारी आंकड़े आए सामने

चीन के साथ भारत के आयात-निर्यात का अंतर चौंकाने वाला, भारत में 2020-21 में चीन से कुल आयात 65.21 बिलियन डॉलर का था जो कि 2021-22 में बढ़कर 94.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में भारत-चीन के बीच व्यापार पर नवीनतम आंकड़े पेश किए हैं. चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार इस साल मार्च से अब तक एक तिहाई बढ़ गया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सस्ते आयात के लिए अपने पड़ोसी देश पर निर्भर रहने और संपन्न घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने की मंशा के विपरीत है.

चीन के साथ भारत के आयात-निर्यात का अंतर चौंकाने वाला है. भारत चीन के विस्तारवादी रवैये का हमेशा विरोध करता रहा है. दोनों के देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के चलते दो-तीन वर्ष पहले चीन से आयात कम करने और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने की बात कही जा रही थी, लेकिन वास्तव में भारत में चीन से आयात बढ़ता जा रहा है जबकि इसके मुकाबले चीन को भारत निर्मित वस्तुओं का निर्यात बहुत कम हो रहा है.    

राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुतबिक, भारत में 2020-21 में चीन से कुल आयात 65.21 बिलियन डॉलर का था जो कि 2021-22 में बढ़कर 94.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. यानी एक साल में आयात 45% तक बढ़ गया. अप्रैल से अक्टूबर, 2022 के बीच चीन से कुल आयात 60.27 बिलियन डॉलर का हो चुका था. जबकि अप्रैल से अक्टूबर, 2022 के बीच निर्यात सिर्फ 8.77 बिलियन डॉलर का हो पाया.  

Advertisement

सरकार ने लोकसभा में चीन से भारत में आयात और निर्यात के आंकड़े पेश किए हैं.

भारत-चीन के बीच कुल व्यापार 2020-21 में 86.39 बिलियन डॉलर था जो 2021-22 में बढ़कर 115.83 बिलियन डॉलर हो गया. यानी दोनों देशों के बीच व्यापार में 34.07 प्रतिशत का इजाफा हुआ.

Advertisement

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चीन से व्यापार बंद करने की मांग उठाई है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके पूछा है कि हम चीन से अपना व्यापार क्यों नहीं बंद करते? 

Advertisement

Advertisement

अरविंद केजरीवाल ने मेक इन इंडिया पर जोर दिया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि "चीन से आयात की जाने वाली अधिकतर वस्तुएं भारत में बनती हैं. इससे चीन को सबक मिलेगा और भारत में रोज़गार."

उधर, विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को संसद भवन परिसर में मुलाकात की और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार को घेरने का फैसला किया. विपक्ष की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किए जाने की संभावना है. विपक्षी दल सीमा पर चीनी अतिक्रमण पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस दिया है.

Featured Video Of The Day
Savarkar Controversy: सावरकर के नाम पर क्यों होती है राजनीति? | NDTV Election Cafe | Rahul Gandhi
Topics mentioned in this article