वक्फ विरोध की आड़ में हिंसा का षड्यंत्र, देश में शांति भंग करने की कोशिश... VHP का बड़ा आरोप

आलोक कुमार ने भारत सरकार और राज्य सरकारों से पहले से सतर्क रहने की अपील की और समाज से भी आग्रह किया कि वे केवल सरकार के भरोसे न रहें, बल्कि सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को दें.

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  • VHP के अध्यक्ष आलोक कुमार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 3 अक्टूबर बंद की योजना पर चिंता व्यक्त की.
  • आलोक कुमार ने कहा कि SC के फैसले से पहले आंदोलन से देश में शांति और कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
  • उन्होंने सरकारों से सतर्क रहने और समाज से संदिग्ध गतिविधि की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को देने का आग्रह किया है.
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नई दिल्ली:

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा 3 अक्टूबर को वक्फ कानून के विरोध में देशव्यापी बंद और राष्ट्रपति भवन व राजभवनों तक मार्च की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय तब लिया गया है जब मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, और पहले पर्सनल लॉ बोर्ड व जमीयत ने कोर्ट के अंतरिम आदेश का स्वागत भी किया था.

टआलोक कुमार ने आशंका जताई कि ऐसे आयोजनों से देश में शांति और कानून व्यवस्था भंग हो सकती है. उन्होंने कहा, “ऐसे कार्यक्रमों में उत्तेजक नारे लगाए जा सकते हैं, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है. आयोजकों की जिम्मेदारी है कि वे शांति बनाए रखें.”

'3 अक्टूबर को भी हिंसा और तोड़फोड़ की आशंका...'
उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इसे भारत बंद कहा जा रहा है, लेकिन बंद अपने आप नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार किए बिना आंदोलन की घोषणा की गई है. मिलाद-उन-नबी के दिन भी कई स्थानों पर हिंसा हुई थी, इसलिए 3 अक्टूबर को भी हिंसा और तोड़फोड़ की आशंका है.

आलोक कुमार ने भारत सरकार और राज्य सरकारों से पहले से सतर्क रहने की अपील की और समाज से भी आग्रह किया कि वे केवल सरकार के भरोसे न रहें, बल्कि सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को दें.

धार्मिक कार्यक्रमों में "I Love Mohammad" जैसे पोस्टर पर उन्होंने कहा, “हिंदू समाज को आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए और कानून के दायरे में रहकर आवश्यक कदम उठाने चाहिए. ऐसे पोस्टर लगाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यदि इनके साथ उत्तेजक नारे लगाए जाते हैं, तो वह उचित नहीं है. ऐसी स्थिति 3 अक्टूबर को न हो, इसके लिए हम पहले से सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं.”

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