कांग्रेस का आरोप- भारत में बीजेपी की साझेदार के तौर पर काम कर रही फेसबुक, जेपीसी जांच हो

कांग्रेस ने फेसबुक पर भारत में चुनावों को प्रभावित करने और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया, संयुक्त संसदीय समिति के जरिए जांच कराने की मांग की

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने सोमवार को फेसबुक पर भारत में चुनावों को प्रभावित करने और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के जरिये जांच होनी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक खबर का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि फेसबुक ने खुद को ‘फेकबुक' में तब्दील कर दिया है. भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी के आरोपों पर फिलहाल फेसबुक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. दरअसल, अमेरिकी मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि फेसबुक के आंतरिक दस्तावेज बताते हैं कि कंपनी अपने सबसे बड़े बाजार भारत में भ्रामक सूचना, नफरत वाले भाषण और हिंसा पर जश्न से जुड़ी सामग्री की समस्या से संघर्ष कर रही है. इसमें यह उल्लेख भी किया गया है कि सोशल मीडिया के शोधकर्ताओं ने रेखांकित किया है कि ऐसे समूह और पेज हैं जो ‘‘भ्रामक, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी सामग्री से भरे हुए हैं.''

प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स' में शनिवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, फेसबुक के शोधकर्ताओं ने फरवरी 2019 में नए उपयोगकर्ता एकाउंट बनाए, ताकि देखा जा सके कि केरल के निवासी के लिए सोशल मीडिया वेबसाइट कैसी दिखती है. 

खेड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत में यह आरोप लगाया कि भारत में फेसबुक भाजपा की साझेदार के तौर पर काम कर रहा है और उसके एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है. उन्होंने फेसबुक की आंतरिक रिपोर्ट वाली खबर का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम भारत में चुनावों को प्रभावित करने में फेसबुक की भूमिका की जेपीसी जांच की मांग करते हैं.''

Advertisement

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह दावा भी किया कि फेसबुक भारत में फर्जी पोस्ट के माध्यम से लोगों की राय बदलकर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और उससे जुड़े संगठनों की फेसबुक के कामकाज में घुसपैठ हो चुकी है. खेड़ा ने सवाल किया, ‘‘क्या यह उचित है कि फेसबुक एक विचारधारा को फर्जी पोस्ट, तस्वीरों और विमर्श के जरिए आगे बढ़ाए?''

Advertisement

उनके मुताबिक, भारत में सिर्फ नौ फीसदी फेसबुक उपयोगकर्ता अंग्रेजी भाषा के हैं और उनके पास भी क्षेत्रीय भाषाओं के पोस्ट की जांच-परख करने की कोई व्यवस्था नहीं है. खेड़ा ने दावा किया कि पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों और फिर इस वर्ष पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी फेसबुक की भूमिका संदिग्ध रही है.

Advertisement

उन्होंने सवाल किया, ‘‘सब कुछ जानते हुए भी फेसबुक ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर आरएसएस और बजरंग दल को ‘खतरनाक संगठन' क्यों नहीं माना? भारत सरकार ट्विटर को लेकर अतिसक्रिय रही है, लेकिन अब वह इसको लेकर कुछ बोल क्यों नहीं रही है?''कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह सारे तथ्य सामने आने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
UP By Elections: BJP और SP में कांट की टक्कर, 9 विधानसभा सीटों में 5 पर बीजेपी आगे
Topics mentioned in this article