कांग्रेस सीडब्ल्यूसी में इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे (Israel Palestinian War) प्रस्ताव पारित कर बीजेपी के निशाने पर आ गई है. बीजेपी के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस भाषण को भूल गई, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की पैरवी की थी. पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी अपनी आंतरिक कलह और विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए फिलिस्तीन के विषय को लेकर उस पर हमले कर रही है.
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कांग्रेस के प्रस्ताव पर बीजेपी का वार
भारत के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की कार्य समिति ने सोमवार को अपनी बैठक में पारित प्रस्ताव में पश्चिम एशिया में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि वह फिलिस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है. इसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाया था.
बीजेपी पर प्रस्ताव के राजनीतिकरण का आरोप
बीजेपी के आरोप के बारे में पूछे जाने पर गौरव गोगोई ने संवाददाताओं से कहा कि अफसोस की बात है कि ये लोग कांग्रेस के प्रस्ताव का राजनीतिकरण कर रहे हैं. हम सब यही चाहते हैं कि भारत के नागरिक चाहे इजराइल में हों या गाजा में हों, वो सभी सुरक्षित रहें, सब वापस आएं. उन्होंने दावा किया कि टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी में सामने आ रही आंतरिक गुटबाजी और विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.
अपना इतिहास भूल गई बीजेपी-कांग्रेस
गोगोई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह कैलाश विजयवर्गीय को यही बोलेंगे कि वह वाजपेयी का भाषण देख लें, वाजपेयी जी ने जो कहा था, उसका अध्ययन कर लें. ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद बीजेपी सिर्फ कांग्रेस, कांग्रेस कर रही है. वे अपना इतिहास भूल चूके हैं, वाजपेयी जी के भाषण को भूल चुके हैं.कांग्रेस नेता ने वाजपेयी के जिस भाषण का जिक्र किया उसमें बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि अरबों की जिस जमीन पर इजराइल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करनी होगी जो कि फिलिस्तीनी हैं. उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होनी चाहिए. इजराइल के अस्तित्व को सोवियत रूस (तत्कालीन), अमेरिका ने भी स्वीकार किया है, हम भी स्वीकार कर चुके हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी का वो भाषण...
वाजपेयी का यह भाषण 1977 का है और उस वक्त वह जनता पार्टी की सरकार का हिस्सा थे. गोगोई ने कहा कि फिलिस्तीन पर प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस कार्य समिति में कोई मतभेद नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल पर हमास के हमले के बाद कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई थी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को एक बयान में कहा था कि उनकी पार्टी का हमेशा यह मानना रहा है कि फिलिस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाएं वार्ता के माध्यम से अवश्य ही पूरी की जानी चाहिए. वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी इजराइली चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
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