उप चुनावों में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में एक चौंकाने वाली जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने हिमाचल में भाजपा की दो और कर्नाटक में एक सीट पर कब्जा कर लिया है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने फतेहपुर और अर्की विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए जुब्बल-कोटखाई में भी जीत दर्ज की. वहीं भाजपा की अंदरूनी कलह और गलत अनुमान के कारण कांग्रेस को मंडी लोकसभा सीट पर भी जीत मिली है. पार्टी ने इसे भाजपा के खिलाफ मुकाबले में सीधी जीत बताया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "भाजपा ने 3 में से 2 लोकसभा सीटें खो दी हैं. विधानसभाओं में, भाजपा कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में ज्यादातर जगहों पर हार गई है. हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने इसे देखा है. मोदी जी, अहंकार छोड़ें! 3 काले कानून निरस्त करें! पेट्रोल-डीजल-गैस लूट बंद करें! लोगों के दर्द का तिरस्कार हानिकारक है."
वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "कांग्रेस की हर जीत हमारे पार्टी कार्यकर्ता की जीत है. नफरत से लड़ते रहो. कोई डरे नहीं!"
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अधिकांश उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी ही जीत दर्ज करती है, लेकिन कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में फतेहपुर और अर्की सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही. राज्य के नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड इसके लिए सत्ता विरोधी लहर, पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया.
पार्टी को बड़ा फायदा राज्य का सेब का गढ़ कहे जाने वाला जुब्बल-कोटखाई में मिला, जिस पर बीजेपी का कब्जा था. यह सीट कांग्रेस के खाते में आने के पीछे बीजेपी का पूर्व विधायक नरिंदर सिंह बरागटा के बेटे चेतन सिंह बरागटा से टिकट वापस लेने का फैसला है, जिससे नाराज चेतन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा. इसके चलते बीजेपी का वोट विभाजित हो गया और इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी नीलम सरायक की जमानत तक जब्त हो गई.
कांग्रेस ने मंडी लोकसभा सीट भी जीती है, जहां भाजपा ने 2019 में चार लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी कारगिल युद्ध के नायक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (सेवानिवृत्त) को सात हजार से अधिक वोटों से हराया है. वीरभद्र सिंह हिमाचल के छह बार के मुख्यमंत्री रहे हैं. इसे मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के लिए एक दाग के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि मंडी उनका गृह जिला है, जहां वह व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने बीजेपी की हार के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है. वहीं सीएम जय राम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ अभियान चलाया था. उन्होंने कहा, "उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पार्टी अपनी कमियों को दूर करने के लिए रणनीति तैयार करेगी और 2022 के विधानसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी."
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मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के दबदबे वाली सीट कहे जाने वाली कर्नाटक के हंगल विधान सभा सीट पर कांग्रेस के श्रीनिवास माने ने भाजपा के शिवराज सज्जनर को 7,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया है. जिससे बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. इस सीट पर मुख्यमंत्री ने लगभग 10 दिनों तक प्रचार किया था और यहां पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 10 मंत्रियों को लगाया गया था. बता दें कि कर्नाटक में दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से एक पर बीजेपी बरकरार है तो वहीं एक पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
हार को एक झटका बताते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, "चुनाव जीते और हारे. ये उपचुनाव विशेष समय और मुद्दों पर लड़े जाते हैं और इसका परिणाम पूर्ण जनादेश नहीं होता है. हालांकि, मैंने इस चुनावी झटके को बहुत गंभीरता से लिया है और हम सभी सुधार करेंगे."
इस बीच राज्य में भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सीएम बोम्मई के बचाव में आए और कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर संदेह पैदा करने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि उपचुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़े जाते हैं.पार्टी हंगल में हुई हार के बारे में आत्ममंथन करेगी. अगर कोई कमी है तो हम उसे दूर करेंगे.
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