मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में GST नेटवर्क, सिंघवी बोले- ये आतंक फैलाने का नया औजार

वित्त मंत्रालय ने बताया कि GST के तहत होने वाले अपराध जैसे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान आदि को PMLA एक्ट में शामिल किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से PMLA एक्ट के तहत GSTN से जानकारी मांगी जा सकेगी.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के इस फैसले की तुलना आतंकवाद से की है.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के दायरे में शामिल कर लिया है. इससे टैक्स चोरी और बिल में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी. इसके साथ ही, GSTN उन संस्थाओं में से एक बन गया है, जिन्हें PMLA एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के साथ जानकारी शेयर करना अनिवार्य है. ऐसे में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विपक्ष के कई दल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के इस फैसले की तुलना आतंकवाद से की है. NDTV से बातचीत में सिंघवी ने कहा, "पीएमएलए में जीएसटी लगाकर सरकार छोटे बिजनेस को नियंत्रित करना चाहती है. सरकार ईडी का कितना दुरुपयोग करती है, ये तो सब जानते हैं. यह टैक्स आतंकवाद सरीखा है. कई लोगों को जीएसटी से कोई मतलब नहीं है. अब ईडी इसको लेकर जांच कर सकती है."

सिंघवी ने आगे कहा, "आम चुनाव नजदीक हैं. उसमें आतंक फैलाने के लिए एक नया औजार खोजा गया है. यह सरकार लोगों को डरा-धमकाकर रखना चाहती है. पीएमएलए द्वारा अब जीएसटी निकाली जाएगी. हम जानना चाहते हैं कि इसका नॉटिफिकेशन आखिर छिपा कर क्यों रखा गया? 

मोदी सरकार का तानाशाही फैसला- पवन खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा, "जीएसटी (GST) को पीएमएलए (PMLA) के अधीन लाने से ईडी को किसी भी व्यापारी को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाएगा. कांग्रेस पार्टी जीएसटी के सरलीकरण की वकालत करती आ रही है." उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस तुगलकी फरमान ने देश के करोड़ों व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है. कांग्रेस इस तानाशाही का डट कर विरोध करती है. 

केजरीवाल ने बताया खतरनाक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने GST को भी पीएमएलए एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय के अधीन ला दिया है. अब अगर कोई व्यापारी जीएसटी नहीं देता तो ED उसे सीधे मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार करेगी और उसे बेल भी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि जो व्यापारी पूरा जीएसटी दे रहे, उन्हें भी किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में डाला जा सकता है. यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे जेल भेज देगी.

केजरीवाल ने इसे खतरनाक बताते हुए कहा कि छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में सब लोग इसके खिलाफ बोलेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार से इस फैसले को फौरन वापस लेने को कहा है. 

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गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क क्या है?
GSTN नॉन प्रोफिटेबल IT नेटवर्क यूनिट है, जिसे सरकार ने GST की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है. GST के एग्जीक्यूशन के लिए GSTN केंद्र और राज्य सरकारों, टैक्सपेयर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को एक साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस प्रोवाइड करता है.

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