नेपाल जैसा संकट भारत में भी... कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर बीजेपी भड़की

कांग्रेस नेता उदित राज ने भारत के हालात को नेपाल जैसा ही बताया है. उनके इस बयान पर बीजेपी ने उनपर कड़ा हमला बोलते हुए कांग्रेस को संविधान विरोधी और लोकतंत्र का हत्यारा बताया है.

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  • कांग्रेस नेता उदित राज ने नेपाल के राजनीतिक संकट की तुलना भारत से करके संविधान की मजबूती को रेखांकित किया है.
  • बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने उदित राज के बयान को देश-विरोधी और अशांति फैलाने वाला बताया है.
  • केसवन ने कांग्रेस को संविधान और लोकतंत्र का हत्यारा बताते हुए 1975 के आपातकाल की मानसिकता से जोड़ा है.
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नई दिल्ली:

भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज को घेरा है. दरअसल उदित राज ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था कि भारत में भी नेपाल जैसे हालात हैं, लेकिन हमारा संविधान ऐसा करने से रोकता है. उन्होंने कहा कि भारत में कांग्रेस की ओर से डाली गईं लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं. इस पर केसवन ने कांग्रेस को लोकतंत्र और संविधान का हत्यारा बताया है.

उदित राज ने क्या कहा है

कांग्रेस का दलित चेहरा माने जाने वाले उदित राज ने यह टिप्पणी नेपाल में हाल के घटनाक्रम पर गुरुवार सुबह की. उन्होंने लिखा, ''लोग चर्चा कर रहे हैं जिस तरह से नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में सत्ता को जनता ने उखाड़ फेका है क्या भारत में ऐसा नहीं हो सकता. कुछ लोग ऐसा होने की संभावना तक जता रहे हैं, वास्तव में परिस्थितियां वैसी ही हैं और कुछ मामलों में अधिक लेकिन हमारा संविधान ऐसा करने से रोकता है. हमारी लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं जिसे कांग्रेस ने डाला है.''

उनकी इस पोस्ट पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने एक्स पर लिखा, '' कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के ये खतरनाक बयान स्पष्ट रूप से देश-विरोधी हैं और जानबूझकर अशांति भड़काने वाले हैं. कांग्रेस का नेतृत्व, चाहे वह पुराना हो या वर्तमान, हमेशा डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा रहा है. 1975 में कांग्रेस ने हमारे संविधान की हत्या की और लोकतंत्र का नरसंहार किया. ये बयान उसी आपातकाल की मानसिकता को दर्शाते हैं.''

कौन हैं सीआर केसवन

केसवन अप्रैल 2023 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. वो देश के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालचारी के पड़पोते हैं. इस्तीफा देते हुए केसवन ने कहा था कि कांग्रेस में अब उन मूल्यों के अवशेष भी नहीं बचें, जिन्होंने उन्हें दो दशक से अधिक समय तक पार्टी के लिए काम करने को प्रेरित किया. केसवन 2001 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.  

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नेपाल का जेन जी आंदोलन

दरअसल नेपाल की युवा पीढ़ी बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सोशल मीडिया साइटों पर पाबंदी के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रही है. इस दवाब के आगे झुकते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नौ सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके अलावा कई मंत्रियों और सांसदों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. नेपाल के उग्र आंदोलनकारियों ने नेपाली संसद, सुप्रीम कोर्ट और तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों समेत राजधानी कांठमाडू की कई इमारतों में आग लगा दी थी. इन आंदोलनकारियों ने वहां बड़े पैमाने पर लूटपाट भी की थी. इसके बाद नेपाल में संवैधानिक संकट पैदा हुआ है. फिलहाल सेना ने जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है. नेपाल में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व प्रमुख न्यायाधीश सुशील कार्की के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार की कोशिशें हो रही हैं. 

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