संसद की सदस्यता खोने के बाद पहली बार वायनाड पहुंचे राहुल गांधी, बहन के साथ किया रोड शो

संसद की सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी का यह पहला वायनाड (केरल) दौरा है. वे पिछले लोकसभा चुनाव में यहीं से सांसद बने थे.

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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'सत्यमेव जयते' नाम से एक रोड शो किया.

वायनाड:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 'मोदी सरनेम' को लेकर आपराधिक मानहानि केस में संसद की सदस्यता खोने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड पहुंचे. वायनाड में राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ रोड शो किया. रोड शो के बाद राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया.

राहुल गांधी ने कहा- "सांसद सिर्फ एक टैग या पद है. बीजेपी मेरा टैग, पद और घर ले सकती है या मुझे जेल में डाल सकती है, लेकिन वे मुझे वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकती. उन्हें लगता है कि वे मेरे घर पुलिस भेजकर मुझे डरा देंगे...मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरा घर वापस ले लिया. मैं उस घर में रहकर संतुष्ट नहीं था..."


लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद पहली बार जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "वो (बीजेपी) मेरे संघर्ष को समझने में असमर्थ रहे हैं. उन्हें हैरानी है कि उनके विरोधी भयभीत क्यों नहीं होते. पुलिस से नहीं डरते". 

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प्रियंका गांधी ने पीएम पर साधा निशाना
राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "राहुल गांधी को एक ऐसा सवाल पूछने के लिए अयोग्य ठहराया गया, जिसका वे (BJP) जवाब नहीं दे सके. बीजेपी हमारे लोकतंत्र का सिर कुचल रही है. पीएम हर दिन अपने ड्रेसिंग स्टाइल में बदलाव कर रहे हैं लेकिन आम लोगों की जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं आया है. वे नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं."

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4.31 लाख वोटों से जीती थी वायनाड सीट
राहुल गांधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था. यहां उन्होंने 4.31 लाख वोटों से जीत दर्ज की. हालांकि, उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से उन्हें BJP नेता स्मृति ईरानी ने हरा दिया था. वायनाड सीट से चुनाव जीतकर राहुल गांधी संसद पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट से राहुल को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद 24 मार्च को उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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23 मार्च को हुई थी 2 साल की सजा
बदा दें कि मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि, सजा के ऐलान के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई. राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था- 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. इसके बाद गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था. सजा के ऐलान के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी की सदस्यता भी रद्द कर दी. 

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क्यों रद्द हुई सदस्यता?
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया, तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा. इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है.

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