"किसानों के मुद्दे पर "झूठ की राजनीति" कर रही है कांग्रेस": कृषि मंत्री

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कांग्रेस पर किसानों के मुद्दे पर झूठ की राजनीति करने और कृषि कानूनों पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. पिछले साल किसानों के आंदोलन के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य के वादे पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल का जवाब देते हुए तोमर ने राज्यसभा में कहा कि प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कांग्रेस पर किसानों के मुद्दे पर झूठ की राजनीति करने और कृषि कानूनों पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. पिछले साल किसानों के आंदोलन के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य के वादे पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल का जवाब देते हुए तोमर ने राज्यसभा में कहा कि प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई है.

तोमर ने कहा, "समिति इस (एमएसपी) पर विचार कर रही है. उस समिति में किसान प्रतिनिधि किसान संघ का प्रतिनिधि होता है. किसान संघ को बदनाम करना सरासर गलत है."कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि अब निरस्त कृषि कानून बनाने वाले सचिव अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ काम कर रहे हैं और कानून बनाने की उनकी मंशा पर सवाल उठाया.
तोमर ने कहा, "कांग्रेस हमेशा झूठ की राजनीति में लिप्त रही है. किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने दोहरा मापदंड अपनाया. सत्ता में रहते हुए कांग्रेस जिन कानूनों की बात करती थी, हमने उन कानूनों को बनाया." मंत्री की टिप्पणी का कांग्रेस सदस्यों ने विरोध किया. हुड्डा ने मांग की कि तोमर की कुछ टिप्पणियों को समाप्त किया जाए, जिसके बाद उपसभापति हरिवंश ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच की जाएगी.

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी. किसानों के लिए कांग्रेस की इकाई ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों के साथ सहयोग नहीं करने और अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया है.

Advertisement


NCP के सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बारिश पर निर्भरता के कारण विदर्भ क्षेत्र में कृषि उपज की लागत अधिक है और आग्रह किया कि एमएसपी के तहत कृषि उपज की लागत में अंतर को दूर करने के लिए एक अनुमान तैयार किया जाए. तोमर ने कहा कि एमएसपी पूरे देश के लिए समान है और निर्धारित करने की प्रक्रिया तय है. उन्होंने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग राज्यों से परामर्श के बाद एमएसपी की घोषणा करता है.

Advertisement

मंत्री ने कहा कि यह सच है कि उत्पादन की लागत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है क्योंकि पर्यावरण में अंतर होता है. स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में एक सिफारिश प्रस्तुत की थी जिसमें एमएसपी घोषित करने के लिए उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़ने का सुझाव भी शामिल था.

Advertisement

तोमर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. वर्तमान में लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर एमएसपी घोषित किया जाता है." उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद 2014-15 के 281 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर अब 433 लाख मीट्रिक टन हो गई है. तोमर ने कहा, “उस समय 1.06 लाख करोड़ रुपये खरीद पर खर्च किए जाते थे, अब 2.75 लाख करोड़ रुपये खरीद पर खर्च किए जाते हैं और इसका लाभ किसानों को मिल रहा है.”

Advertisement

ये भी पढ़ें:-

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन, आज दौसा से जयपुर पहुंचेगी यात्रा

"अर्थव्यवस्था के बारे में उनके विचार बदल जाएंगे": RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर केंद्रीय मंत्री ने कसा तंज

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Top 10 National: अकेले BMC चुनाव लड़ सकती है शिवसेना UBT | Maharashtra Politics