हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि चुनावी गारंटी को पूरा करने में गंभीर वित्तीय संकट और मानसून के समय आपदा एक बड़ी बाधा बनकर आई, इसके बावजूद कांग्रेस नीत सरकार ने तीन प्रमुख वादों को लागू किया. राज्य में कांग्रेस नीत सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित रैली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला को छोड़कर गांधी परिवार का कोई सदस्य या पार्टी का शीर्ष नेता मौजूद नहीं था. सुक्खू ने दावा किया था कि रविवार को शिमला पहुंचीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
धर्मशाला पुलिस मैदान में रैली को संबोधित करते हुए सुक्खू ने सरकार पर चुनावी गारंटी को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गंभीर वित्तीय संकट के बावजूद तीन मुख्य गारंटी-पुरानी पेंशन योजना की बहाली, सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू करना और 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना लागू की गई हैं.
उन्होंने कहा कि अगले साल तीन और गारंटी पूरी की जाएंगी. भाजपा ने सोमवार को एक साल का कार्यकाल पूरा होने का जश्न मनाने के लिए कांग्रेस सरकार पर हमला बोला और राज्य भर में आक्रोश रैलियां निकालीं. शिमला में सेंट्रल टेलीग्राफ कार्यालय में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने सवाल किया कि जब 1,500 से अधिक संस्थानों को बंद करने के अलावा सरकार की कोई ‘उपलब्धि' नहीं है तो जश्न मनाने की क्या बात है. बिंदल ने कहा कि जुलाई और अगस्त में कहर बरपाने वाली मानसूनी आपदा के दौरान 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए.
सुक्खू ने कहा कि सरकार ने 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने इसमें बाधा डाल दी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब घोषणा कर रहा हूं कि लाहौल और स्पीति जिले में महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे और राज्य में 1,100 रुपये प्रति माह पेंशन पाने वाली 2.37 लाख महिलाओं को अगले साल से 1,500 रुपये मिलेंगे.''
मुख्यमंत्री ने इससे पहले 15 अप्रैल को मनाए जाने वाले हिमाचल दिवस पर जून 2023 से स्पीति की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी 9,000 महिलाओं को 1,500 रुपये प्रदान करने की घोषणा की थी. सुक्खू ने अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा के दौरान राज्य को पर्याप्त राहत नहीं देने के लिए केंद्र और राज्य के भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘न तो राज्य में आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की हमारी मांग पूरी हुई और न ही हमें 12,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया गया.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर को 2 रुपये प्रति किलो खरीदने की योजना बनाई गई है और अगले साल जनवरी से दूध का खरीद मूल्य 31 रुपये से बढ़ाकर 37 रुपये प्रति लीटर किया जाएगा और एक साल में 20,000 नौकरियां दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण आज हर हिमाचली 1.02 लाख रुपये का कर्जदार है. सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की नींव रखेगी और व्यवस्था में बदलाव भी लाएगी.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा नेता ‘अंधे' हो गए हैं और उन्हें राज्य में विकास नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिर और टिकाऊ है जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार को अस्थिर करने की कोई भी साजिश सफल नहीं होगी. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद, राज्य सरकार महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ रही थी, लेकिन मानसून की आपदा आ गई और राज्य में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना वादा पूरा करेंगे.''
इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत सरकार के एक साल पूरे होने के जश्न में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. बिंदल ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने घोषणा की थी कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ पार्टी नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी धर्मशाला में सरकार की पहली वर्षगांठ पर रैली में शामिल होंगे, लेकिन प्रियंका शिमला में होने के बावजूद समारोह से दूर रहीं.
बिंदल ने कहा, ‘‘लोगों को लगा था कि प्रियंका गांधी आएंगी और उन्हें जवाब मिलेगा कि नवंबर 2022 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव पहले जिन दस गारंटी का वादा किया गया था, उन्हें कब पूरा किया जाएगा.'' बिंदल ने दावा किया कि प्रियंका गांधी का कार्यक्रम में शामिल न होना यह संकेत देता है कि या तो वह कांग्रेस नीत सरकार के कामकाज से नाखुश हैं या फिर सरकार और संगठन के साथ उनकी कुछ असहमति है.