कांग्रेस के 'असंतुष्ट' धड़े की आज फिर मुलाकात, 24 घंटे के भीतर दूसरी बैठक

कांग्रेस के असंतुष्टों का कोर ग्रुप जी-23 वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर फिर से बैठक करेगा

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कांग्रेस के असंतुष्ट नेता 24 घंटे के अंदर दूसरी बार बैठक कर रहे हैं.
नई दिल्ली:

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के कोर ग्रुप जी-23 ने आज शाम को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर फिर से मुलाकात की. इन नेताओं की 24 घंटे में यह दूसरी बैठक थी. इसमें भाग लेने वालों में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और भूपेंद्र हुड्डा भी शामिल थे. आज इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा ने आज राहुल गांधी से मुलाकात की. कुछ नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि बैठक में आगे बढ़ने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा होगी और शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाए रखने के लिए इस तरह की बैठकें अब से नियमित रूप से की जाएंगी.

कांग्रेस के 'असंतुष्ट' धड़े की आज फिर बैठक हो रही है. कांग्रेस के असंतुष्टों का कोर ग्रुप  जी-23 की बैठक वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर हो रही है. इससे पहले कल शाम को भी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने एक बैठक की थी. कल की बैठक भी गुलाम नबी आजाद के निवास पर हुई थी. बैठक के बाद असंतुष्ट नेताओं ने "सामूहिक, समावेशी नेतृत्व" की बात की थी और मांग की थी कि कांग्रेस 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले अन्य दलों के साथ एक मंच बनाने के लिए सक्रिय हो.

कार्यसमिति में वफादारों के रुख, जो लगातार हार के बावजूद गांधी परिवार के नेतृत्व की पुष्टि करने पर जोर देते हैं, से परेशान असंतुष्टों की बैठकें हो रही हैं. इस बार पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी के अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सभी पदों से हटने की पेशकश को ठुकरा दिया था.

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कल 18 असंतुष्ट नेता, जिनमें छह राज्यों के कुछ नवागंतुक नेता भी शामिल थे, हाल ही में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद आगे के रास्ते पर चर्चा करने के लिए मिले थे. कांग्रेस पंजाब में हार चुकी है और व्यावहारिक रूप से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में उसका सफाया हो गया है.

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संगठनात्मक चुनावों या शीर्ष पर एक गैर-गांधी नेता के नाम पर कांग्रेस में चुप्पी है, जबकि इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है. सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने फिलहाल पार्टी से अलग नहीं होने का फैसला किया है. तर्क यह है कि पार्टी की कमजोर स्थिति के चलते यह पूरी तरह से उखड़ सकती है.

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पांच राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद कल रात में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के गुट "जी -23" ने एक बैठक की थी. बताया जाता है कि "जी -23" नेताओं ने पार्टी को विभाजित करने से इनकार किया है. बैठक के दौरान फैसला लिया गया है कि वे गांधी परिवार से अपने वफादारों को प्रमुख पदों से हटाने का आह्वान करेंगे. "जी -23" बैठक में ये भी चर्चा की गई कि पार्टी "बहुत कमजोर" हो गई है और ये विभाजन से नहीं बचेगी. 

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पहले "जी -23" कल हुई बैठक कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पर होना तय था. लेकिन अंतिम समय में इसे बदल दिया गया था. क्योंकि कुछ नेताओं ने गांधी परिवार के खिलाफ उनके हालिया बयान को देखते हुए असहज महसूस किया था. दरअसल इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक साक्षात्कार में, सिब्बल ने कहा था, "मुझे 'सब की कांग्रेस' चाहिए. कुछ अन्य 'घर की कांग्रेस' चाहते हैं."

पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'सोनिया गांधी हर कांग्रेसी से बातचीत के लिए तैयार हैं.' उन्होंने कहा, "जब जरूरत है कि हमें एक साथ लड़ना चाहिए, तो कुछ राजनेता पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं. अगर उनकी मंशा सही है, तो वे सोनिया गांधी से बात क्यों नहीं करते?" 

विधानसभा में मिली हार को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति ने रविवार शाम को बैठक की थी. जो कि करीब चार घंटे तक चली थी. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी शामिल हुई थीं. वहीं असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद आदि भी बैठक में थे. सूत्रों के अनुसार इस मैराथन बैठक के बाद फैसला किया गया कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कांग्रेस अध्यक्ष बनी रहेंगी और कांग्रेस की ओर से दोबारा से चिंतन शिविर (Chintan Shivir) आयोजित किया जाएगा. 

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