अशोक गहलोत 'एपिसोड' के बाद 'G -23' नेता मुकुल वासनिक पर विचार कर रही कांग्रेस

खास बात ये है कि अध्यक्ष पद पर मुकुल वासनिक का नाम तब सामने आ रहा है जब इस पद के लिए रेस में सबसे आगे माने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है.

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नई दिल्ली:

राजस्थान कांग्रेस में मचे बवाल के बीच पार्टी हाईकमान मुकुल वासनिक को अध्यक्ष पद की रेस के लिए उम्मीदवार बनाने पर विचार कर सकता है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मुकुल वासनिक के नाम की घोषणा से पहले उन्हें मनाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं. याद हो कि मुकुल वासनिक कांग्रेस के जी -23 नेताओं के ग्रुप में से हैं जिन्होंने पार्टी में मुख्य बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.

खास बात ये है कि अध्यक्ष पद पर मुकुल वासनिक का नाम तब सामने आ रहा है जब इस पद के लिए रेस में सबसे आगे माने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. सूत्रों के अनुसार बीते रविवार को राजस्थान कांग्रेस के विधायकों ने जिस तरह से पार्टी हाईकमान के आदेश को अनदेखा करके विधायक दल की बैठक से दूर रहे, इससे गांधी परिवार खासा अपमानित महसूस कर रहा है. 

सूत्रों के अनुसार वासनिक ने इस चुनाव को लेकर पहले ही एके एंटनी से मुलाकात की है. संभावना जताई जा रही है कि वो जल्द ही अशोक गहलोत से भी मुलाकात कर सकते हैं. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शशि थरूर और दिग्विजय सिंह ने पहले ही अपने नाम की घोषणा की है. दोनों ही नेता शुक्रवार को इस चुनाव को लिए अपना परचा भी भर सकते हैं. 

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी.उन्होंने सोनिया के आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष अगले एक या दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी.' इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया से मुलाक़ात की थी और जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने की घटना के लिए उनसे माफी मांगी थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ' पर उनसे मुलाकात के बाद गहलोत ने यह भी कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी.

अशोक गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं...जो घटना दो दिन पहले हुई उसने हम सबको हिलाकर रख दिया. मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं. पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है.''

गहलोत ने कहा, ‘‘ हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है. दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं पाया. मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं. यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया, इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा. मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है.''उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने तय किया है कि इस माहौल के अंदर अब चुनाव नहीं लड़ूंगा. यह मेरा फैसला है.''कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर राजस्थान में उत्पन्न राजनीतिक संकट की छाया पड़ी है.

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