कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव को डबल इंजन की सरकार के लिए जनमत संग्रह की तरह लिया. उन्होंने कहा कि यह पहला बड़ा चुनाव था, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ. नॉर्थ ईस्ट की स्थिति अलग थी. कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पी चिदंबरम ने एनडीटीवी से खास बातचीत में यह बात कही.
कर्नाटक के चुनाव को लेकर पी चिदंबरम ने पहले एक ट्वीट करके कहा था कि यह चुनाव राज्य विधानसभा चुनाव से कहीं अधिक बड़ा चुनाव है. जबकि बीजेपी कहती रही है कि कुछ जीते तो कांग्रेस के लिए कुछ हारे. यह एक बड़ी बात हो सकती है. हम अभी भी देश के अधिकांश राज्यों पर काबिज हैं. इस बारे में पूछने पर पी चिदंबरम ने कहा कि, ''यह मजेदार बात है कि वे ऐसा कहते हैं. उन्होंने यह तब क्यों नहीं कहा जब प्रधानमंत्री ने 23 जनसभाएं या रैलियां कीं और आधा दर्जन से अधिक रोड शो किए? उन्होंने ऐसा तब क्यों नहीं कहा जब गृह मंत्री ने काफी रैलियां, रोड शो किए और पूरे एक महीने तक डेरा डाला. पार्टी के अध्यक्ष ने वहां डेरा डाले रखा. तो उन्होंने इसे सिर्फ राज्य विधानसभा चुनाव नहीं माना. उन्होंने इसे अपनी तथाकथित डबल इंजन सरकार पर जनमत संग्रह के रूप में लिया. लेकिन आप जानते हैं, यह पार्टी कहेगी कि हम हर चुनाव को ऐसे ही लेते हैं.''
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हर राज्य में जाते हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रचार किया, जहां भाजपा ने तीनों राज्यों में जीत हासिल की. लेकिन कर्नाटक में बीजेपी से कांग्रेस का सीधा मुकाबला था. कांग्रेस पार्टी के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है? इस सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा कि, ''मुझे लगता है कि आपने बिलकुल सटीक बात कही है. यह पहला बड़ा चुनाव है जहां कमोबेश भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है. पूर्वोत्तर में स्थिति बहुत अलग है. बहुत सारे छोटे क्षेत्रीय दल हैं, जिनमें से प्रत्येक एक क्षेत्र या एक जनजाति से संबंधित है, और इसलिए वहां कभी भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला नहीं होता है.''
उन्होंने कहा कि, ''हालांकि जेडीएस भी एक पार्टी है, लेकिन यह अपना प्रभाव खोते जाने वाली पार्टी है. इसलिए यह पहला प्रमुख राज्य है जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई थी. हमें दोगुनी खुशी है कि कांग्रेस भाजपा को हराने में सफल रही है.''
इस जीत का आगे चलकर कांग्रेस पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस साल के अंत में महत्वपूर्ण चुनाव होंगे और फिर 2024 का लोकसभा चुनाव है. जहां तक चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस की संरचना और मॉडल की बात है, आगे इसका क्या होगा असर? सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा, ''मैंने 2024 के बारे में कुछ नहीं कहा. मैं इस समय 2024 की उम्मीद भी नहीं कर रहा हूं. यह चुनाव यह साबित करता है कि अगर कांग्रेस पार्टी के पास एक बुनियादी संगठन है, तो चुनाव के समय उस संगठन का कायाकल्प किया जा सकता है.''
उन्होंने कहा कि, ''चुनाव से पहले थोड़ा काम करना होगा, लेकिन एक बुनियादी संगठन बरकरार है. इसका कायाकल्प किया जा सकता है. कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी का कायाकल्प पहले भारत जोड़ो यात्रा के जरिए किया गया था, जो कि कर्नाटक के कई महत्वपूर्ण हिस्सों से गुजरी थी. यह साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी का बुनियादी ढांचा अगर बरकरार है, तो भारी धन, शक्ति, भारी आक्रामकता और भारी बाहुबल के खिलाफ चुनाव जीतने के लिए इसका कायाकल्प किया जा सकता है.''
कांग्रेस पार्टी के लिए कर्नाटक का चुनाव क्या एक मॉडल साबित हुआ है जिसे अन्य राज्यों के चुनावों में भी दोहराया जा सकता है? कांग्रेस का पूरा ध्यान स्थानीय चुनाव को ध्यान में रखते हुए था. क्या यह एक मॉडल है जो अब कांग्रेस को लगता है कि भाजपा के खिलाफ सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है? इस सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा कि, ''राज्य के चुनाव में ऐसा करना सही बात है. मुझे लगता है कि गतिशीलता बहुत अलग है. लेकिन अगर एक राज्य का चुनाव एक अकेला चुनाव है, तो मुझे लगता है कि इसे स्थानीय अभियान बनाए रखना सही होगा. लेकिन अंडरकरंट हमेशा राष्ट्रीय मुद्दे रहेंगे. कर्नाटक में यहां का स्थानीय मुद्दा, कर्नाटक सरकार का भारी भ्रष्टाचार था.''