कांग्रेस ने चुनावों के लिए कमर कसने का ऐलान किया, मल्लिकार्जुन खरगे ने दी अनुशासन की नसीहत

कांग्रेस की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और तेलंगाना समेत पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति, आगे की रूपरेखा, संगठन को मजबूत बनाने तथा कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की गई

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हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई.
हैदराबाद:

कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति (CWC) की दो दिवसीय बैठक के बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को निर्णायक जनादेश मिलने की रविवार को उम्मीद जताई और आगे की लड़ाई के लिए कमर कसने की घोषणा करते हुए कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए केंद्र की ‘तानाशाह' सरकार को हटाना जरूरी है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के नेताओं को दो टूक नसीहत भी दी कि वे अनुशासित व एकजुट रहें और अपने व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखकर इसकी सफलता को प्राथमिकता दें तथा ऐसा कुछ नहीं करें, जिससे पार्टी को नुकसान हो.

पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और तेलंगाना समेत पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति, आगे की रूपरेखा, संगठन को मजबूत बनाने तथा कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की गई.

पार्टी की पुनर्गठित कार्य समिति की पहली बैठक शनिवार को हुई थी और रविवार को विस्तारित कार्य समिति की बैठक हुई. विस्तारित कार्य समिति में कार्य समिति के सदस्यों, विशेष आमंत्रित सदस्यों, स्थायी आमंत्रित सदस्यों के अलावा पार्टी की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, संसदीय दल के पदाधिकारी तथा केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य शामिल होते हैं.

विस्तारित कार्य समिति की रविवार की बैठक में खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.

आम आदमी पार्टी के साथ तालमेल को लेकर कुछ नेताओं को आपत्ति 

सूत्रों का कहना है कि ‘इंडिया' गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (आप) के साथ तालमेल को लेकर दिल्ली और पंजाब के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आप की सक्रियता और बयानों का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ सीटों के तालमेल को लेकर जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.

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सूत्रों का कहना है कि पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध किया. सूत्रों के अनुसार, खरगे ने इन नेताओं को भरोसा दिलाया कि राज्य इकाइयों के साथ बातचीत होने पर सीटों का तालमेल होगा.

‘इंडिया' गठबंधन को मजबूती देने पर जोर

सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी ने शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस बात पर जोर दिया था कि ‘इंडिया' गठबंधन को मजबूती देनी चाहिए तथा राहुल गांधी ने भी इस गठबंधन और कांग्रेस दोनों को मजबूत बनाने की पैरवी की थी.

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विस्तारित कार्य समिति की बैठक को संबोधित करते हुए खरगे ने कांग्रेस नेताओं से आगामी चुनावों के लिए तैयार रहने की अपील की और कहा कि देश में बदलाव के संकेत हैं तथा कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे इसके प्रमाण हैं.

खरगे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसने अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए इस विषय पर समिति गठित की, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी.

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अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता : खरगे

उन्होंने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कहा, ‘‘यह आराम से बैठने का समय नहीं है. दिन-रात मेहनत करनी होगी. हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, पर हमें हमेशा अनुशासन में ही रहना चाहिए.''

कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया, ‘‘यह ध्यान रखें कि हम अहं या अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें, जिससे पार्टी का नुकसान हो. अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता. हम खुद अनुशासन में रहेंगे, तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे.''

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उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हैदराबाद में ही 1953 में दिए उस वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने अनुशासन की भावना पर जोर दिया था.

लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर जोर

विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि देश की जनता बदलाव चाहती है. कार्य समिति ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर भी जोर दिया है. प्रस्ताव में कहा गया, 'विश्वास है कि कांग्रेस को इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना के लोगों से निर्णायक जनादेश मिलेगा.'

कांग्रेस कार्य समिति ने यह भी कहा, 'कांग्रेस आगे की लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है. जनता बदलाव चाहती है. हम कानून-व्यवस्था, स्वतंत्रता, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय और समता की उनकी अपेक्षाओं को पूरा करेंगे.''

कार्य समिति की बैठक में तेलंगाना को लेकर भी चर्चा की गई. कांग्रेस कार्य समिति ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की प्रदेश सरकार पर तेलंगाना के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘स्वर्णिम तेलंगाना' का वादा टूट गया है.

कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उनका परिवार प्रदेश पर ‘निजाम' की तरह शासन कर रहा है.

'इंडिया' की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प

इससे पहले, शनिवार को हुई कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) की पहल को वैचारिक एवं चुनावी सफलता दिलाने का संकल्प लिया था. पार्टी ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह एवं जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले.

पार्टी ने सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में ‘इंडिया' गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए.

कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा बढ़ाई जाए.

बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित

हैदराबाद के एक होटल में शनिवार को सीडब्ल्यूसी की कई घंटे तक हुई बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया.

कांग्रेस ने 20 अगस्त को अपनी कार्य समिति का पुनर्गठन किया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं. इसमें सचिन पायलट और शशि थरूर जैसे नेताओं को पहली बार जगह मिली है.

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