पेंशन के पैसों को लेकर केंद्र और राज्यों में टकराव, जल्द कोर्ट पहुंच सकता है मामला

छत्तीसगढ़ सरकार ने जून में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर न्यू पेंशन स्कीम में फंसे अपने 17,500 करोड़ रुपये की मांग की. लेकिन केंद्र सरकार में देने से इनकार कर दिया अब राज्य सरकार के  जल्द ही इस के मामले को लेकर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने जा रही है. 

पेंशन के पैसों को लेकर केंद्र और राज्यों में टकराव, जल्द कोर्ट पहुंच सकता है मामला

पेंशन की रकम पर विवाद

नई दिल्ली:

केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच आने वाले दिनों में पेंशन मामले को लेकर विवाद और गहरा होने जा रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने जून में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर न्यू पेंशन स्कीम में फंसे अपने 17,500 करोड़ रुपये की मांग की. लेकिन केंद्र सरकार में देने से इनकार कर दिया. अब राज्य सरकार के जल्द ही इस के मामले को लेकर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने जा रही है. केंद्र और विपक्ष शासित राज्यों के बीच के टकराव के बीच में आम लोगों की पेंशन की रकम फंस गई है.

कम से कम दस राज्य ऐसे है जो पुरानी पेंशन स्कीम वापिस लाना चाहते हैं. एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक़ छत्तीसगढ़ सरकार  इस मसले पर दो अलग क़ानूनी राय ले चुकी है जिसके तहत ये फ़ैसला लिया गया है कि कोर्ट के ज़रिए रिलीफ मिल सकता है. छत्तीसगढ सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है, “केंद्र ने रकम ना देने की कोई वजह बताई नहीं है और इस मामले में जो क़ानूनी राय मिली है उसके मुताबिक़ कोर्ट इस मामले में हमे रिलीफ से सकता है,”

राज्य सरकार ने क़ानूनी राय तब ली जब प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री को लिखे गये लेटर का कोई जवाब नहीं मिला. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बात करते हुए कहा, “हमने उन्हें लेटर लिखा मगर कोई जवाब नहीं आया. राज्य की जनता के हित में जो फ़ैसला लेना होगा वो हम लेंगे. केंद्र को वो पैसा वापिस देना पड़ेगा कैसे नहीं देंगे,” वैसे एनपीएस की निगरानी करने वाली पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भी जमा रकम को राज्य सरकार की पैसा वापिस करने की मांग ख़ारिज कर दी और कहा कि क़ानून के तहत ऐसा नहीं हो सकता. 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझते हुए कहा, “हमारी स्कीम में कोई कमी नहीं है, राज्य सरकार इस मामले में नोटिफिकेशन अप्रैल 2022 में जारी भी कर चुकी है और 192 लोगों की सहमती उसे मिल गई है जो OPS में लौटना चाहते है,” उधर मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी का कहना है इस स्कीम से राज्य सरकार पर और बोझ पड़ेगा. अनुराग अग्रवाल सह मीडिया प्रभारी (भाजपा) ने कहा,  “राज्य सरकार बिल्कुल दिवालिया होने की कगार पर है. जो सरकार DA नहीं दे पा रही हो और क्या देगी,”

वैसे छतीसगढ़ अकेला राज्य नहीं है राजस्थान भी OPS बहाल कर चुका है और अब ये मुद्दा हिमाचल के बाद गुजरात में भी चुनावी मुद्दा बन चुका है. उधर आप पंजाब में मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान पहले ही इस बारे में ट्वीट कर चुके हैं कि वो अपने राज्य में जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेंगे. साथ ही अरुणाचल प्रदेश असम तेलंगाना तमिलनाडु झारखंड और केरल में भी ये अवाज उठ रही है और कई राज्य इसके लिए कमेटी भी बना चुके हैं 

उधर केंद्र के आँकड़ों के तहत मार्च  2022 के महीने तक एनपीएस के तहत जो OPS की ओर लौट रहे हैं या लौटना चाहते हैं उनमें राजस्थान के 40 हजार करोड़, छत्तीसगढ़ के 17500 करोड़, पंजाब के 16700 करोड़ और झारखंड के 10500 करोड़ रुपए जमा है. वैसे नियमों के तहत चाहे तो कर्मचारी फंड से रकम निकाल सकते हैं, लेकिन पूरा नहीं. एनपीएस से जुड़ने के 5 साल बाद कर्मचारी 20 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.  वैसे इस साल फरवरी तक, 22.74 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 55.44 लाख राज्य सरकार के कर्मचारी एनपीएस के तहत नामांकित थे.

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केंद्र सरकार का कहना है कि कुछ रिपोर्ट्स मिल रही है जिनके मुताबिक राज्यों ने एनपीएस में अपना योगदान रोकना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि कर्मचारी एनपीएस में अपनी कमाई का 10 फीसदी योगदान देते हैं, राज्य सरकारें इसमें 10 से 14 फीसदी तक मिलाकर जमा करती हैं. उधर केंद्र सरकार के कर्मचारी संघों के एक महासंघ ने भी OPS को बहाल करने के लिए कैबिनेट सचिव को लिखा है और इसकी बहाली की मांग की है