"15 मिनट से एक घंटे के भीतर हो कार्रवाई..." : 'ग्रीन हेल्पलाइन' पर की गई शिकायतों को लेकर HC सख्त

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘हम जो बात कहना चाह रहे हैं वह यह है कि जब तक त्वरित प्रतिक्रिया टीम दो-तीन दिन बाद आती है, तब तक क्षति की भरपाई नहीं हो पाती है. इस संबंध में कार्रवाई अधिकतम 15 मिनट से एक घंटे के भीतर की जानी चाहिए.’’ अदालत एसओपी के कार्यान्वयन और हेल्पलाइन के संचालन से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर के अधिकारियों से पूछा कि पेड़ों को नुकसान के संबंध में ‘‘ग्रीन हेल्पलाइन'' पर की गई शिकायतों पर अधिकतम कितने समय में कार्रवाई की जाती है. अदालत ने कहा कि ‘ग्रीन हेल्पलाइन' पर की गई शिकायतों पर एक घंटे के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि देरी से की गई कार्रवाई पेड़ों के संरक्षण के लिए शहर में लागू मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के उद्देश्य को विफल कर देगी क्योंकि ऐसे मामलों में नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है.

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘हम जो बात कहना चाह रहे हैं वह यह है कि जब तक त्वरित प्रतिक्रिया टीम दो-तीन दिन बाद आती है, तब तक क्षति की भरपाई नहीं हो पाती है. इस संबंध में कार्रवाई अधिकतम 15 मिनट से एक घंटे के भीतर की जानी चाहिए.'' अदालत एसओपी के कार्यान्वयन और हेल्पलाइन के संचालन से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि वन विभाग की हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश हुए वकील आदित्य एन. प्रसाद ने दावा किया कि हेल्पलाइन सक्रिय नहीं है और शिकायत करने के बाद अधिकारियों द्वारा कोई ‘‘त्वरित कार्रवाई'' नहीं की जाती है.

अदालत ने कहा, ‘‘आप मुझे वह अधिकतम अवधि बताएं जिसके भीतर शिकायत का निपटारा किया जाएगा.'' सरकारी वकील ने कहा कि शिकायतों का निपटारा उसी दिन कर दिया जाता है. मामले की अगली सुनवाई नौ अप्रैल को होगी.

ये भी पढ़ें:- 
टोल बूथ पर जाम से मिलेगी निजात, फास्टैग से नहीं अब सैटेलाइट से कट जाएंगे पैसे; जानें- कैसे काम करेगा सिस्टम

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Arrest के बाद Laln Singh ने Mokama में संभाली चुनाव प्रचार की कमान 'अब हर कार्यकर्ता Anant Singh'
Topics mentioned in this article