सीएम सुखविंदर सुक्‍खू ने हिमाचल में मौसम वेधशालाएं स्थापित करने का केंद्र से किया आग्रह

सीएम सुक्‍खू ने कहा कि उनकी सरकार, प्रदेश के किसी एक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग स्थापित करने पर विचार कर रही है ताकि कैंसर रोगियों को प्रदेश में ही रेडिएशन थैरेपी का उपचार प्रदान किया जा सके.

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हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्‍खू ने मंगलवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की
नई दिल्‍ली:

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि, बागवानी और स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की. सीएम सुक्‍खू ने कहा कि उनकी सरकार, प्रदेश के किसी एक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग स्थापित करने पर विचार कर रही है ताकि कैंसर रोगियों को प्रदेश में ही रेडिएशन थैरेपी का उपचार प्रदान कर उनके समय और संसाधनों की बचत की जा सके.

मुख्‍यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को बताया कि हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील राज्य है. ऐसे में किन्नौर और लाहौल-स्पीति में डॉपलर राडार स्थापित करने के अलावा हमीरपुर, चंबा, नालागढ़, केलांग और काजा क्षेत्रों में मौसम वेधशालाएं (वेदर ऑबजरवेटरीज) स्थापित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया, विश्लेषण और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए हमीरपुर जिले में डॉटा सेंटर स्थापित करना जरूरी है. इससे न केवल बहुमूल्य जीवन सुरक्षित किया जा सकेगा बल्कि राज्य के किसानों एवं बागवानों को मौसम संबंधी सटीक जानकारी समय पर मिल सकेगी.

उन्‍होंने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने पर विशेष बल दिया जाना समय की मांग है. सीएम ने इसके लिए केंद्र से तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया. उन्होंने राज्य के बागवानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए अनुकूलन (ओरिन्टेशन) कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही नई तकनीकों से परिचित करवाने में सहयोग का भी आग्रह किया जिससे उन्हें नवोन्वेषी तकनीकों से भलीभांति अवगत करवाया जा सकेगा.उन्होंने नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का भी आग्रह किया, जिससे किसानों और बागवानों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिल सकेगी.

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मुख्यमंत्री ने ‘आरोमा मिशन' के तहत लैवेंडर की खेती के लिए चम्बा जिला को शामिल करने और लैवेंडर के उत्पादन के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी उपस्थित थे.

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