"मामा का अनाज घोटाला....": पोषण आहार योजना को लेकर घिरे CM शिवराज सिंह चौहान पर विपक्ष का हमला

करोड़ों का हज़ारों किलो वजनी पोषण आहार कागजों में ट्रक से आया लेकिन जांच में पाया गया कि जिन ट्रकों के नंबर बताए गए थे वो दरअसल मोटरसाइकिल, ऑटो, कार, टैंकर के थे.

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लाखों ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनके नाम पर करोड़ों का राशन बांटा गया.
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  • पोषण आहार योजना में घोटाला
  • शिवराज सिंह चौहान के पास है मंत्रालय
  • वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में गड़बड़ी पाई गई है
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भोपाल:

मध्य प्रदेश की पोषण आहार योजना में बड़ा घोटाला हुआ है. ये मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है. ये घोटाला सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने शिवराज सिंह चौहान को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पहले व्यापम घोटाले से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया‌ था. अब ग़रीब बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ अन्याय!  क्या मामा ने ऐसे घोटाले करने के लिए ही महाराज के साथ तोड़फोड़ कर के सरकार बनाई थी?

वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के रोज़ नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. मामू को अब अपनी काली कमाई के धनबल पर इतना भरोसा हो गया है कि वे समझते हैं कि सभी बिकाऊ हैं.

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प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह पर हमला किया और लिखा,  मामा का अनाज घोटाला ! परिवहन ट्रक जो मोटरसाइकिल पाए गए! लाभार्थियों की संख्या में बेतहाशा अतिशयोक्ति! राज्य के ऑडिटर ने पाया कि बच्चों के लिए मप्र सरकार के पोषण कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे वे कुपोषित हो गए हैं.

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क्या है घोटाला

NDTV के हाथ अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट लगी है, जिसमें लाभार्थियों की पहचान में अनियमितता, स्कूली बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना के वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में गड़बड़ी पाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक- इस योजना के तहत करीब साढ़े 49 लाख रजिस्टर्ड बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था. करोड़ों का हज़ारों किलो वजनी पोषण आहार कागजों में ट्रक से आया लेकिन जांच में पाया गया कि जिन ट्रकों के नंबर बताए गए थे वो दरअसल मोटरसाइकिल, ऑटो, कार, टैंकर के थे. यहीं नहीं लाखों ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनके नाम पर भी करोड़ों का राशन बांट दिया गया. इस खेल में करदाताओं के करोड़ों भ्रष्ट सिस्टम की जेब में गए और बच्चे, महिलाएं कुपोषित ही रह गए.

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