बिहार की नीतीश कुमार सरकार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जातिगत गणना के आंकड़े (Bihar Caste Survey Report) जारी होने पर खुशी जाहिर की है.इन आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. वहीं, पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत है. बिहार जाति आधारित सर्वे में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. सीएम नीतीश कुमार ने गणना का काम करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है तो वहीं तेजस्वी यादव ने इसे एतिहासिक क्षण बताया.
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सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जातिगत जनगणना के काम में लगी पूरी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि विधानमंडल में सर्वम्मति से जाति आधारित गणना के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था. इस फैसले में 9 दलों की सहमति शामिल थी. उन्होंने कहा कि इस जनगणना से जातियों के बारे में पता चलने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में भी पचा चलता है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए कार्रवाई सरकार करेगी.
'इसी जनगणना के आधार पर होगा विकास कार्य'
'ये दशकों के संघर्ष का फल'
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार के जाति आधारित सर्वे के आंकड़े सामने आना ऐतिहासिक और दशकों के संघर्ष का फल है. अब सरकार की नीतियां और नीयत दोनों ही जाति आधारित सर्वे के इन आंकड़ों का सम्मान करेंगे. उन्होंने कहा कि दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया. इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ सालों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किए हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है.
'बीजेपी की साजिशों के बाद ही सर्वे रिलीज'
पूर्व सीएम लालू यादव ने कहा कि गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं. बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया. ये आँकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने और हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे.
'भ्रम फैलाने के सिवा और कुछ भी नहीं'
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है. नीतीश कुमार के 15 साल और लालू यादव के 18 साल के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों का क्या उद्धार किया, कितने लोगों को नौकरी दी.। यह रिपोर्ट भ्रम के अलावा कुछ नहीं.
'इसमें कुछ भी नया नहीं'
जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी किए जाने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. जो अनुमान था वही है आप जो बता रहे हैं वह लगभग सबको पता है.
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