फिर से लौटने लगी कश्मीर की रौनक, सैलानियों से गुलजार हो रही घाटी

घाटी में फिर से पुरानी रौनक लौट रही है, लोग पर्यटन स्थल पर आकर खूबसूरत वादियों का दीदार कर रहे हैं. घूमने आ रहे लोगों का कहना है कि उन्हें आतंकियों का डर नहीं है, ये हमारी जगह है और कोई हमें नहीं डरा सकता. यहां हमारी सेना भी मौजूद है.

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श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर से देशभर के पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बंद किए गए पर्यटक स्थलों में से 16 को 55 दिनों बाद फिर से खोल दिया गया है. इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिसके बाद घाटी में डर का माहौल बन गया था और 40 से ज्यादा पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए थे. लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, और पर्यटक एक बार फिर कश्मीर की वादियों का लुत्फ उठाने लौट रहे हैं. अब कश्मीर की खूबसूरत घाटियां फिर से न सिर्फ पर्यटकों से गुलजार दिखाई देगी, बल्कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को यह संदेश भी देगी कि कश्मीर में आतंक और उसके पनाहगारों की नापाक कोशिशें कभी कामयाब नहीं होगी.

बेताब वैली सहित 16 स्थल खुले

सुरक्षा समीक्षा और तमाम सख्त इंतजामों के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 16 पर्यटक स्थलों को दोबारा खोलने का फैसला किया है. इनमें पहलगाम की मशहूर बेताब वैली, वेरीनाग, कोकरनाग, अचबल गार्डन, और श्रीनगर के बादामवारी पार्क, निगीन झील का डक पार्क, और हजरतबल के पास तकदीर पार्क शामिल हैं. सरथल, बग्गर, देवी पिंडी, सेहर बाबा वाटरफॉल, सुलह पार्क, गुल डंडा, जय वैली, और पंचारी जैसे स्थल भी पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं. बेताब वैली में फिर से पर्यटक आने लगे हैं, जहां सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है. 

पर्यटकों में उत्साह, डर खत्म

पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों में डर फैल गया था, और घाटी सुनसान पड़ी थी. लेकिन अब पर्यटक फिर से कश्मीर की ओर रुख कर रहे हैं. हरियाणा से आए एक पर्यटक ने कहा, "बेताब वैली में दो महीने बाद आए हैं. सुरक्षा के शानदार इंतजाम हैं, सेना हमें पूरा सहयोग दे रही है. यह जगह बहुत खूबसूरत है." बिहार के बोधगया से आए एक परिवार ने उत्साह जताते हुए कहा, "हमने सोच लिया था कि बेताब वैली खुलेगी तो पहले दिन ही आएंगे, कोई डर नहीं है, कश्मीर सचमुच जन्नत है." हनुमानगढ़ से आए एक अन्य पर्यटक ने कहा, "यहां का मौसम और नजारे वाकई कमाल के हैं. जैकेट पहननी पड़ी, लेकिन मन में कोई डर नहीं."

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

हमले के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को और मजबूत किया है. बेताब वैली जैसे लोकप्रिय स्थलों पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. गुलमर्ग, सोनमर्ग, और झील क्षेत्रों में पुलिस के विशेष ऑपरेशन समूह और एंटी-फिदायीन दस्तों को भी तैनात किया गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "सुरक्षा एजेंसियों के साथ गहन चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है। बाकी पर्यटक स्थल भी चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे."

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पर्यटन पर हमले का असर

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर चोट की थी. साल 2024 में 2.35 करोड़ पर्यटक घाटी आए थे, जिनमें 65,000 विदेशी शामिल थे. लेकिन हमले के बाद लगभग 90% बुकिंग्स रद्द होने से होटल, टैक्सी, हाउसबोट, और स्थानीय व्यवसायों को भारी नुकसान हुआ. स्थानीय ऑपरेटरों और व्यापारियों में रोजगार छिनने का डर था, क्योंकि पर्यटन राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में 7-8% का योगदान देता है. लेकिन अब एक बार फिर से घाटी की रौनक लौटने लगी है.

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अब बदल रही तस्वीर

स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि कश्मीर फिर से गुलजार हो रहा है. बिहार से आए एक पर्यटक ने कहा, "वंदे भारत ट्रेन ने भी यात्रा को आसान बनाया है. यहां पर सभी तरह की व्यवस्था बहुत अच्छी है, कोई परेशानी नहीं." प्रशासन और सेना के सहयोग से पर्यटकों का भरोसा लौट रहा है. 

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