...जब अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने की शेख अब्दुल्ला की तारीफ

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फिर से सुनवाई शुरू की है. इसके बाद से ही संविधान सभा के सदस्‍य के रूप में शेख अब्‍दुल्‍ला की भूमिका बहस का हिस्सा बन गई है. 

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श्रीनगर:

सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice D Y Chandrachud) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में तत्‍कालीन जम्‍मू कश्‍मीर रियासत के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री शेख मोहम्‍मद अब्‍दुल्‍ला (Sheikh Mohammad Abdullah) के एक भाषण का हवाला दिया और उनकी दूरदर्शिता की प्रशंसा की. वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल ने अनुच्‍छेद-370 की सुनवाई के दौरान संविधान सभा में शेख मोहम्‍मद अब्‍दुल्‍ला के कुछ अंश बिना पढ़े ही छोड़ दिए तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने हस्‍तक्षेप किया. CJI ने खुद भाषण पढ़ना शुरू किया और कहा कि "शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1951 में एक सपना देखा था, जिसके बारे में दुनिया आज बात कर रही है."

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की है. इसके बाद से ही देश की संविधान सभा के सदस्‍य के रूप में शेख अब्‍दुल्‍ला की भूमिका बहस का हिस्सा बन गई. जस्टिस चंद्रचूड़ ने शेख के भाषण का जिक्र किया और उन्हें दूरदर्शी बताया. 

उन्‍होंने शेख का भाषण पढ़ा, "दिलचस्प बात यह है कि शेख अब्दुल्ला इसे कैसे कहते हैं. वह कहते हैं कि सबसे शक्तिशाली तर्क जो उनके (पाकिस्तान) पक्ष में दिया जा सकता है वह यह है कि पाकिस्तान मुस्लिम राज्य है और हमारे लोगों का बड़ा बहुमत मुस्लिम होने के कारण, राज्य को पाकिस्तान में शामिल होना चाहिए." 

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सीजेआई ने पढ़ा, "मुस्लिम राष्ट्र होने का यह दावा केवल छलावा है. यह आम आदमी को धोखा देने के लिए एक स्क्रीन है, जिससे वह साफ तौर पर यह न देख सके कि पाकिस्तान एक सामंती राज्य है, जिसमें एक गुट खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए इन तरीकों से कोशिश कर रहा है." 

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शेख पाकिस्तान के बारे में आगे कहते हैं कि यह एक सामंती राज्य है और "भारत की तुलना में सामंती पाकिस्तान में हमारे हित सुरक्षित नहीं होंगे, जहां भूमि सुधार हो रहे थे." 

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शेख अब्दुल्ला ने अपने भाषण में भारत का हिस्सा बने रहने के लिए अपनी पसंद को साफ कर दिया. "भारत की समुद्र तक पहुंच थी और एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में यह हमें व्यापार करने में मदद करेगा."

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CJI ने शेख अब्दुल्ला की सराहना करते हुए सिब्बल से उनकी दूरदर्शिता को देखने को कहा. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "उन्होंने (शेख अब्दुल्ला) 1951 में एक सपना देखा था जब वह उन आर्थिक हितों के बारे में बोल रहे थे जिनके बारे में दुनिया आज बात कर रही है."

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने आज अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फिर से सुनवाई शुरू की. सुनवाई पिछले सप्ताह शुरू हुई और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने लगातार तीसरे दिन अपनी दलीलें दीं. कपिल सिब्बल नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन और हुसैन मसूदी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

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