भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कई वकीलों द्वारा तारीख पाने के लिए एक ही मामले को बेंच के सामने रखने की नई प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वकील इस तरह के हथकंडे अपनाकर "अदालत को गुमराह नहीं कर सकते." मुख्य न्यायाधीश ने सख्त लिहाज में कहा कि यह एक नई प्रथा है. अलग-अलग वकील एक ही मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख करते हैं और एक बार न्यायाधीश की पलक झपकाते ही कोई तारीख मिल जाती है. यह एक ऐसी प्रथा है जो उभर रही है.
अदालत को धोखा नहीं दे सकते
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा. आप अदालत को गुमराह नहीं कर सकते. मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है. मुझे सभी के लिए मानक नियमों का पालन करना होगा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालने के बाद से डीवाई चंद्रचूड़ का फोकस न्यायालय में शिष्टाचार बनाए रखना तथा उचित प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करने पर रहा है.
‘‘यह ‘या-या' क्या है?
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान जनहत याचिका दायर करने वाले वादी के लहजे पर कड़ी नाराजगी जताई थी और पूछा कि यह ‘या-या' क्या है? उन्होंने कहा कि यह कोई ‘कॉफी शॉप' नहीं है और उन्हें ऐसे शब्दों से ‘‘बहुत एलर्जी'' है.
यह घटनाक्रम शीर्ष अदालत में तब हुआ जब पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को एक जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने और सेवा विवाद से संबंधित याचिका को खारिज करने संबंधी मामले में उनके खिलाफ आंतरिक जांच की मांग किए जाने से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही थी.
शुरुआत में ही प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने उस समय नाराजगी जताई जब वादी ने पीठ के कुछ सवालों के जवाब में ‘यस' के बजाय ‘या-या' कहा. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘यह ‘या-या' क्या है? ये कोई कॉफी शॉप नहीं है। मुझे इस ‘या-या' से बहुत एलर्जी है. इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.''