वेतन भुगतान में देरी पर निकाय आयुक्त और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तलब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी कर्मियों और पेंशनभोगियों को वेतन का भुगतान नहीं होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए मामले में निगम आयुक्त एवं दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.

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दिल्ली उच्च न्यायालय
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) कर्मियों और पेंशनभोगियों को वेतन का भुगतान नहीं होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए मामले में निगम आयुक्त एवं दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने एमसीडी आयुक्त और दिल्ली सरकार के वित्त एवं शहरी विभागों के सचिवों को व्यक्तिगत रूप से दो फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एमसीडी के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान अदालत में अधिकारियों द्वारा भरोसा दिए जाने के बाद भी नहीं हो रहा है. यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि पेंशनभोगियों को पेंशन नहीं मिल पा रही है और वे जीविका चलाने के लिए मोहताज हो रहे हैं.''

पीठ ने कहा, ‘‘अदालत के पास एमसीडी के आयुक्त और दिल्ली सरकार के वित्त और शहरी विकास विभाग के सचिवों को व्यक्तिगत रूप से बुलाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.'' अदालत ने टिप्पणी की कि अधिकारियों ने ‘इन गरीब लोगों' के वेतन का भुगतान नहीं किया.

याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से पेश अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और उत्कर्ष कुमार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उन्हें दो से तीन महीने तक का वेतन नहीं दिया गया है और निगम द्वारा इस मुद्दे पर निष्क्रियता उनके जीविकोपार्जन के मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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