कोवैक्सीन की खरीद से जुड़े विषय में सूचना नहीं देने पर CDSO को कारण बताओ नोटिस

केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के ‘सीपीआईओ’ को एक आरटीआई अर्जी का ‘गलत, अस्पष्ट और बिना सोचे समझे तैयार किया गया’ जवाब देने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के ‘सीपीआईओ' को एक आरटीआई अर्जी का ‘गलत, अस्पष्ट और बिना सोचे समझे तैयार किया गया' जवाब देने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत अर्जी देने वाले व्यक्ति ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन' की खरीद पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा लगाई गई रोक पर सीडीएससीओ के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) से सूचना मांगी थी.

आयोग ने सीडीएससीओ के सीपीआईओ सुशांत सरकार को यह बताने का निर्देश दिया है कि सूचना देने से मना करने के लिए आरटीआई अधिनियम की धारा 20 के तहत उनके खिलाफ क्यों न दंडात्मक कार्यवाही की जाए. आरटीआई अर्जी देने वाले सौरव दास ने विषय पर सूचना उपलब्ध कराये जाने से इनकार किये जाने पर सरकार के खिलाफ आयोग के पास एक शिकायत की थी.

आरटीआई अधिनियम की धारा 20 के तहत यदि सीआईसी इस बात से सहमत हो जाता है कि सूचना उपलब्ध कराने से मना कर अनुचित किया है और दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है, तो यह 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगा सकता है. यह रकम सीपीआईओ के वेतन से काटी जाएगी. जुर्माने की अधिकतम सीमा 25,000 रुपये होगी. दास ने अपनी आरटीआई अर्जी के जरिये, डब्ल्यूएचओ के द्वारा संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवैक्सीन की आपूर्ति रोके जाने पर सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने इस साल मार्च में एक निरीक्षण करने के बाद यह फैसला किया था.

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अर्जी देने वाले व्यक्ति ने सीडीएससीओ से यह जानना चाहा था कि क्या इसने मुद्दे और उस तारीख का संज्ञान लिया, जब इसे सक्षम प्राधिकार के समक्ष उठाया गया था और क्या कार्रवाई की गई. उन्होंने यह सूचना उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया था कि क्या कोई रिपोर्ट या स्पष्टीकरण भारत बायोटेक से मांगा गया, या भारत बायोटेक के केंद्रों में कोई निरीक्षण सीडीएससीओ द्वारा किया गया, या डब्ल्यूएचओ के साथ कोई पत्राचार किया गया. इसपर, सीडीएससीओ के सीपीआईओ ने एक पंक्ति का जवाब दिया था, ‘‘ऐसी कोई सूचना उपलब्ध नहीं है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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