अरुणाचल प्रदेश से एक किशोर के लापता (Missing Arunachal Boy) होने के बाद से उसकी सुरक्षित वापसी को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. भारत की कोशिशों पर चीन ने सकारात्मक जवाब दिया है और भारतीय किशोर को सुपुर्द करने का संकेत दिया है. लापता लड़के की तलाश के लिए आर्मी ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से संपर्क किया था. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बुधवार को कहा कि लड़के की वापसी को लेकर आर्मी और चीन की पीएलए के बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर हॉटलाइन बातचीत हुई. पीएलए ने लड़के की सौंपने को लेकर सकारात्मक संकेत दिया है.
कानून मंत्री ने ट्वीट किया, "भारतीय सेना द्वारा चीनी पीएलए के साथ गणतंत्र दिवस पर हॉटलाइन पर बात की गई. पीएलए ने हमारे नागरिक को सौंपने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और रिहाई की जगह का सुझाव दिया. वे जल्द ही तारीख और समय की सूचना देंगे. देरी के लिए उनकी ओर से खराब मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया है."
इससे पहले, रिजिजू ने कहा था कि चीनी सेना ने 20 जनवरी को भारतीय सेना को बताया था कि उन्हें अपनी तरफ एक किशोर मिला है और उसकी पहचान स्थापित करने के लिए विवरण देने का अनुरोध किया था. भारत ने पहचान के लिए चीन को सभी जानकारियां शेयर कर दी थीं.
मिराम तारोन अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से 18 जनवरी को लापता हो गया था. बयान के अनुसार कुछ लोगों ने दावा किया था कि चीनी पीएलए ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया था.
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रिजिजू ने बताया कि चूंकि वह किशोर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास के क्षेत्र से लापता था, इसलिए भारतीय सेना ने तत्काल 19 जनवरी को चीनी पक्ष से संपर्क किया और उसका पता लगाने और यदि वह चीनी क्षेत्र में भटक गया था या पीएलए ने उसे अपनी हिरासत में लिया तो उसकी वापसी में सहायता मांगी. उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने आश्वासन दिया था कि वे किशोर की तलाश करेंगे और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस कर देंगे.
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